प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ब्राजील की राजधानी ब्रासिलिया में आयोजित ब्रिक्स बिजनेस फोरम को संबोधित किया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में ब्रिक्स के लिए भविष्य का रोडमैप दिया, तो वहीं सदस्य देशों को भारत में निवेश का निमंत्रण भी. पीएम मोदी ने भारतीयों की वीजा फ्री एंट्री के लिए ब्राजील के राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया और अपने संबोधन में कहा कि भारत में पॉलिटिकल इस्टेबिलिटी, प्रिडिक्टेबल पॉलिसी और बिजनेस फ्रेंडली रिफॉर्म्स के कारण दुनिया की सबसे ओपन और बिजनेस फ्रेंडली एनवायरमेंट है.
उन्होंने कहा कि 2024 तक हम भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाना चाहते हैं. पीएम ने कहा कि भारत में असीम संभावनाएं हैं. ब्रिक्स देशों के बिजनेस को आमंत्रित करता हूं कि वे भारत में अपनी मौजूदगी बनाएं और बढ़ाएं. उन्होंने आयोजकों को बधाई दी और कहा कि विश्व की आर्थिक वृद्धि में ब्रिक्स देशों का हिस्सा 50 फीसदी है. वैश्विक मंदी के बावजूद ब्रिक्स देशों ने आर्थिक विकास को गति दी है. करोड़ों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में नई-नई सफलताएं हासिल की है. पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिक्स की स्थापना के 10 साल बाद हमारे प्रयासों पर विचार करने के लिए यह फोरम अच्छा मंच है. इंट्रा बेस बिजनेस को आसान बनाने से परस्पर व्यापार और निवेश बढ़ेगा.
निवेश के लक्ष्य को महत्वाकांक्षी बनाने पर दिया जोर
पीएम मोदी ने कहा कि हम पांच देशों के बीच टैक्स और कस्टम प्रक्रिया सरल होती जा रही है. हमारा बिजनेस एनवायरमेंट आसान हो रहा है. उन्होंने इंट्रा ब्रिक्स व्यापार और निवेश के लक्ष्य को और महत्वाकांक्षी बनाने पर जोर देते हुए कहा कि व्यापार की लागत को और कम करने के लिए आपके सुझाव बहुत उपयोगी होंगे. पीएम मोदी ने सुझाव देते हुए कहा कि हमारे बीच बिजनेस में प्राथमिकता के क्षेत्रों की 10 वर्षों के लिए पहचान की जाए और उसके आधार पर सहयोग का ब्लूप्रिंट बनाया जाए. उन्होंने कहा कि हमारा मार्केट साइज और विविधता एक-दूसरे के लिए फायदेमंद है.
सोशल सेक्यूरिटी एग्रीमेंट पर करें विचार
पीएम मोदी ने अगले ब्रिक्स समिट तक ज्वाइंट वेंचर्स के लिए पांच क्षेत्रों की पहचान करने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देश अपने लोगों की प्रतिभा और क्रिएटिविटी के लिए सुप्रसिद्ध हैं. प्राइवेट सेक्टर ह्यूमन रिसोर्स पर केंद्रित प्रयासों से जुड़े. पीएम मोदी ने कहा कि हम पांच देशों को सोशल सेक्यूरिटी एग्रीमेंट पर भी विचार करना चाहिए.