दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में 15वें ब्रिक्स सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा, रूस की ओर से विदेश मंत्री लावरोव और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मंच साझा किया.
इस दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय नियमों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों के आधार पर सभी देशों को संयुक्त रूप से लिखना चाहिए ना कि सिर्फ किसी मजबूत देश के कहने पर. ब्रिक्स देशों को एक दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होना चाहिए विभाजनकारी नीतियों से दूर रहना चाहिए.
शीत युद्ध की मानसिकता अभी भी डरा रहा
उन्होंने कहा कि हमें शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग बढ़ाना चाहिए. शीत युद्ध की मानसिकता अभी भी हमारी दुनिया को डरा रही है. जियो पॉलिटिकल स्थिति गंभीर हो रही है. ब्रिक्स देशों को शांतिपूर्ण विकास की दिशा में काम करते रहना होगा. हमें ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक, राष्ट्रीय सुरक्षा पर उच्च अधिकारियों की बैठक का सही इस्तेमाल करने की जरूरत है.
जिनपिंग ने कहा कि हमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सहयोग का विस्तार करना चाहिए. इसके साथ ही एआई तकनीक की विश्वसनीयता की दिशा में लगातार सुधार पर काम करना चाहिए.
पुतिन ने ब्रिक्स के मंच से यूक्रेन युद्ध पर क्या कहा?
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दक्षिण अफ्रीका में हो रहे ब्रिक्स सम्मेलन में नहीं पहुंचे. उनकी जगह विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव ब्रिक्स सम्मेलन पहुंचे हैं. पुतिन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने संबोधन में कहा कि रूस पश्चिमी देशों द्वारा सींचे जा रहे यूक्रेन युद्ध को खत्म करना चाहता है.
पुतिन ने कहा कि दुनियाभर में ब्रिक्स का प्रभाव बढ़ रहा है, यही वजह है कि ब्रिक्स देशों में विस्तार की लगातार बात हो रही है. कई देशों ने ब्रिक्स में शामिल होने की इच्छा जताई है.