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ब्रिटेन की राजनीति में मंदिरों पर बढ़ा फोकस... ऋषि सुनक के बाद लेबर पार्टी नेता Keir Starmer भी पहुंचे मंदिर

प्रधानमंत्री ऋषि सुनक एक दिन पहले ही हिंदू मंदिर पहुंचे थे. लेकिन अब प्रधानमंत्री पद के लिए मुख्य विपक्षी लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर भी हिंदू मंदिर पहुंचे हैं. उन्होंने लंदन के किंग्सबरी के स्वामीनारायण मंदिर पहुंचकर दर्शन किए. उन्होंने यहां कहा कि ब्रिटेन में हिंदूफोबिया के लिए कोई जगह नहीं है.

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ब्रिटेन में हिंदू मंदिर पहुंचे थे केर स्टार्मर
ब्रिटेन में हिंदू मंदिर पहुंचे थे केर स्टार्मर

ब्रिटेन में चार जुलाई को आम चुनाव होने जा रहे हैं. ये चुनाव न सिर्फ प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के लिए बल्कि विपक्षी लेबर पार्टी के लिए काफी अहम माने जा रहे हैं. ऐसे में ब्रिटेन की कुल आबादी में शामिल 10 लाख हिंदुओं को लुभाने के इरादे से नेता मंदिरों का दौरा करने लगे हैं.

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प्रधानमंत्री ऋषि सुनक एक दिन पहले ही हिंदू मंदिर पहुंचे थे. लेकिन अब प्रधानमंत्री पद के लिए मुख्य विपक्षी लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर (Keir Starmer) भी हिंदू मंदिर पहुंचे हैं. उन्होंने लंदन के किंग्सबरी के स्वामीनारायण मंदिर पहुंचकर दर्शन किए. इस दौरान उन्होंने जय स्वामीनारायण का जयकारा लगाया. उन्होंने यहां कहा कि ब्रिटेन में हिंदूफोबिया के लिए कोई जगह नहीं है. 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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इससे पहले ऋषि सुनक नेसडेन में BAPS स्वामीनारायण मंदिर पहुंचे थे. उन्होंने यहां कहा था कि यह मंदिर इस समुदाय द्वारा ब्रिटेन के लिए दिए गए योगदान का एक महान उदाहरण है. उन्होंने मंदिर में प्रार्थना की और लोगों से मिलकर हिंदू होने के नाते खुद को भाग्यशाली बताया. 

इससे पहले ब्रिटिश हिंदू संगठनों के एक प्रमुख समूह ने आम चुनावों से पहले हिंदू घोषणापत्र जारी किया था. 32 पेजों के इस घोषणापत्र में निर्वाचित प्रतिनिधियों से हिंदू पूजास्थलों की रक्षा करने और हिंदुओं के प्रति नफरत से निपटने के लिए हरसंभव कदम उठाने की मांग की गई थी. 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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ब्रिटेन में जारी हुआ था हिंदू घोषणापत्र

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इस घोषणापत्र में कुल सात मांगें कई गई हैं, जिनमें हिंदू हेट-क्राइम की घटनाओं को धार्मिक नफरत की तरह पहचानना और ऐसे लोगों को सजा देना. पूजा स्थलों को सुरक्षा देना और मंदिरों के लिए सरकारी फंडिंग. हिंदुओं की मान्यताओं को अगली पीढ़ी तक ले जाने के लिए फेथ स्कूल्स तैयार करवाना. सरकार और सार्वजनिक स्थलों पर हिंदुओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाना. पुजारियों से जुड़े वीजा के मामलों को सुलझाना. सामाजिक सेवाओं में हिंदुओं को शामिल करना और धार्मिक मान्यताओं को पहचानना और उन्हें प्रोटेक्ट करना है.

बता दें कि साल 2021 की जनगणना के अनुसार. ब्रिटेन में 10 लाख से ज्यादा हिंदू आबादी है. 2011 में ब्रिटेन की कुल जनसंख्या का डेढ़ फीसदी हिंदुओं का था. अगले 10 सालों में ये बढ़कर 1.7 फीसदी हो गया. वहां ईसाई और मुस्लिम के बाद हिंदू तीसरा सबसे बड़ा धर्म है.

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