ब्रिटेन में विपक्षी लेबर पार्टी (Labour party) की एक सांसद ने जज्बाती भाषण में कहा है कि मुस्लिमों के पैगम्बर मोहम्मद की अवमानना वाला कंटेंट प्रकाशित किए जाने पर रोक लगाई जानी चाहिए. नाज शाह (MP Naz Shah) ने हाउस ऑफ कॉमन्स में कहा कि यूरोप में हाल में ऐसे अपमानजनक कार्टून और रेखाचित्र प्रकाशित किए गए जिससे दुनिया भर में मुस्लिमों की भावनाएं आहत हुईं.
नाज शाह ब्रिटेन के प्रस्तावित कानून पर बहस के दौरान बोल रही थीं. इस प्रस्तावित कानून में मूर्तियों में तोड़फोड़ किए जाने को अपराध की श्रेणी में लाने का प्रावधान है. कानून का मकसद इस तरह की हरकतों से होने वाले भावनात्मक नुकसान को रोकना है.
अगर ये कानून पास होता है तो मूर्तियों पर हमला या तोड़फोड़ का किसी पर दोष साबित होने पर उसे 10 साल जेल तक सजा दी जा सकेगी. नाज शाह ने किसी मूर्ति पर हमले को लेकर इस सजा को खासी सख्त बताया.
नाज शाह ने सवाल किया कि क्यों एक व्यक्ति को पत्थर या लोहे की मूर्ति पर हमला करने की सजा एक आम पत्थर की दीवार या लोहे के गेट को नुकसान पहुंचाने से अधिक होनी चाहिए जबकि भौतिक तौर पर देखा जाए तो दोनों एक जैसे काम हैं.
विंस्टन चर्चिल और ओलिवर क्रोमवैल का आया जिक्र
नाज शाह ने इस मौके पर ब्रिटिश लोगों के विंस्टन चर्चिल और ओलिवर क्रोमवैल जैसी हस्तियों के साथ जुड़ाव का जिक्र किया. उन्होंने फिर पैगम्बर मोहम्मद के लिए मुस्लिमों की भावनाओं का उल्लेख किया. नाज शाह ने यूके और दुनिया भर में मुस्लिमों को पेश आने वाले उन मुद्दों का हवाला दिया जो उनके पवित्रों की अवमानना किए जाने से सामने आते हैं.
नाज शाह ने कहा कि एक मुस्लिम होने के नाते, मेरे लिए और देश में लाखों मुस्लिमों के लिए, दुनिया की एक चौथाई आबादी मुस्लिम हैं, उनके लिए, हर दिन और हर सांस में, दुनिया में ऐसी कोई भी और इकलौती बात ऐसी नहीं है जिसे हम अपने प्रिय पैगम्बर मोहम्मद से अधिक याद करें या सम्मान करें.'
लेबर पार्टी की सांसद ने आगे कहा, 'जब कट्टरपंथी और नस्लवादी हमारे पैगम्बर की अवमानना करते हैं या अपशब्द कहते हैं तो ये वैसा ही जैसे कि कुछ लोग चर्चिल के साथ करते हैं, इससे हमारे दिलों को होने वाला भावनात्मक नुकसान असहनीय होता है.'
Today the Government proposed a bill to protect the emotional harm connected with the damaging of statues.
— Naz Shah MP 💙 (@NazShahBfd) July 5, 2021
If people can understand the emotional connections to statues, then they can understand the connection Muslims have with the Prophet Muhammad ﷺ #NotJustACartoon. pic.twitter.com/WIKbQNkGhG
नाज शाह ने जोर देकर कहा, 'दो अरब मुस्लिमों के लिए वो लीडर हैं जिन्हें हम अपने दिलों में याद रखते हैं, अपने जीवन में सम्मान करते हैं, वो हमारी पहचान और हमारे वजूद के आधार हैं. जैसे कि ये नया कानून यूके की ऐतिहासिक हस्तियों (की मूर्तियों) की सुरक्षा के लिए हैं वैसी ही सुरक्षा अन्य समुदायों के सम्मानितों के लिए भी सुनिश्चित करनी चाहिए.'
नाज शाह ने यूके इतिहास के स्मारकों के महत्व और प्रतीकात्मकता का समर्थन किया. साथ ही उन्होंने किसी ऐतिहासिक हस्ती के महत्व को लेकर बहस या असहमति के अधिकार का भी बचाव किया. हालांकि नाज शाह ने आगे माना कि किसी भी ऐतिहासिक स्मारक की अवमानना किए जाना गलत और बहुत ही विभाजनकारी है.
हाउस ऑफ कॉमन्स में नाज शाह ने कहा, 'उन जैसों कि तरह जिनके लिए ये सिर्फ कार्टून हैं, मैं ये नहीं कहूंगी कि ये सिर्फ मूर्ति हैं क्योंकि मैं उस ब्रिटिश भावना को अच्छी तरह समझती हूं जो यहां के इतिहास, हमारी संस्कृति और हमारी पहचान से जुड़ी है. ये सिर्फ कार्टून नहीं हैं और वो सिर्फ मूर्तियां नहीं हैं. ये हमारे जैसे इंसानों के लिए बहुत अधिक महत्व रखते हैं.'
नाज शाह ने प्रसिद्ध लेखक जॉर्ज बर्नाड शाह का भी हवाला दिया जिन्होंने पैगम्बर मोहम्मद के लिए कहा था, 'इस धरती पर कभी भी कदम रखने वाले व्यक्तियों में सबसे असाधारण थे. उन्होंने एक धर्म का उपदेश दिया, एक स्टेट को बनाया, नैतिकता का कोड बनाया, कई सामाजिक और राजनीतिक सुधार शुरू किए, ताकतवर और गतिशील समाज स्थापित किया जो उनकी दी हुई सीखों को माने, मानव के विचारों और बर्ताव में हमेशा के लिए बदलाव किया.'