ऋषि सुनक ब्रिटेन के पहले भारतवंशी प्रधानमंत्री होंगे. लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों ने टोरी लीडरशिप चुनाव में ऋषि सुनक को अपना नया नेता चुना. ऋषि के सामने पार्टी के चुनाव में खड़ीं पेनी मोरडॉन्ट को काफी कम सांसदों का समर्थन प्राप्त हुआ, जिसके बाद उन्होंने खुद को पीएम पद की रेस से बाहर कर लिया.
यूके का पहला हिंदू प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रचने वाले ऋषि सुनक ने चुनाव जीतने के बाद 10 डाउनिंग स्ट्रीट (ब्रिटेन प्रधानमंत्री आवास ) पर पहला भाषण दिया. इस दौरान ऋषि सुनक के कलाई पर कलावा या मौली बंधा नजर आया. हिंदू धर्म में कलावा (रक्षासूत्र) का विशेष महत्व बताया गया है. इसे पूजा या अन्य तरह धार्मिक क्रियाओं को पूरा करने के बाद भी बांधा जाता है. सबसे खास बात है कि ऋषि सुनक बेशक पश्चिमी सभ्यता में रहे हों लेकिन उनका अपने धर्म से खास लगाव है.
I will unite our country, not with words, but with action.
— Rishi Sunak (@RishiSunak) October 25, 2022
I will work day in and day out to deliver for you.
Watch my speech from Downing Street 👇 pic.twitter.com/diOBuwBqXc
हिंदू धर्म से अपने जुड़ाव को लेकर मुखर
साल 2017 में जब ऋषि सुनक ब्रिटेन को तत्कालीन प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने अपनी कैबिनेट में शामिल किया था, उस समय ऋषि सुनक ने अपने धार्मिक विश्वास को लेकर खास बात कही थी. ऋषि सुनक ने कहा था कि वे अब एक ब्रिटिश नागरिक हैं, लेकिन उनका धर्म हिंदू है. ऋषि सुनक ने कहा था कि उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत भारतीय है. ऋषि सुनक ने कहा था कि, 'मैं गर्व से कहता हूं कि मैं एक हिंदू हूं और हिंदू होना ही मेरी पहचान है.'
साल 2020 में ऋषि सुनक ने जब ब्रिटेन के वित्त मंत्री बने थे तो उन्होंने भगवद्गीता पर हाथ रखकर शपथ ली थी. ऋषि सुनक ने वित्त मंत्री रहते हुए ही कहा था कि नवंबर 2020 में 11 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर दिवाली के लिए दीये जलाना, उनकी जिंदगी के सबसे ज्यादा गर्व के क्षण थे.
साल 2022 के अगस्त महीने में भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से मौजूदा पीएम बोरिस जॉनसन ने इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद जब दावेदारी के लिए ऋषि सुनक का नाम चर्चाओं में आया तो उस समय ऋषि सुनक लंदन में गौ पूजन करते हुए नजर आए. ऋषि सुनक के गौ पूजन को लेकर विवाद भी हुआ और काफी नेताओं ने उन पर निशाना भी साधा.
भारत में ऋषि सुनक की जीत की खुशी
जिस दिन ब्रिटेन को पहला भारतवंशी हिंदू पीएम मिला, उस दिन भारत समेत पूरा विश्व दिवाली मना रहा था. ऋषि सुनक की पार्टी चुनाव में जीत के बाद भारत में भी जमकर खुशी मनाई गई.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऋषि सुनक के नाम का ऐलान होते ही ट्वीट कर बधाई दी और भविष्य में साथ काम करने की आशा जताई. वहीं भारतीय मीडिया ने भी अलग-अलग तरह से ऋषि सुनक की जीत को भारत के लिए खास बताया.
Warmest congratulations @RishiSunak! As you become UK PM, I look forward to working closely together on global issues, and implementing Roadmap 2030. Special Diwali wishes to the 'living bridge' of UK Indians, as we transform our historic ties into a modern partnership.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 24, 2022
ऋषि सुनक की अमीर भारतीय हिंदू ससुराल
ऋषि सुनक की शादी भी एक भारतीय लड़की अक्षता मूर्ति से हुई है. अक्षता इंफोसिस को फाउंडर नारायण मूर्ति की बेटी है और पेशे से एक फैशन डिजाइनर हैं. ऋषि और अक्षता की मुलाकात स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान हुई थी.
दोनों ने साल 2009 में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार, भारत के बेंगलुरु में शादी की थी. ऋषि सुनक ब्रिटेन के पहले हिंदू पीएम होने के साथ-साथ सबसे अमीर पीएम भी हैं. ऋषि सुनक और अक्षता मूर्ति की नेटवर्थ करीब 825 मिलियन डॉलर है, जो इंग्लैंड के किंग चार्ल्स की नेट वर्थ से भी कहीं ज्यादा है.
ऋषि सुनक के पीएम बनने की 'फिल्मी' कहानी
ब्रिटेन में पिछले दो महीने में ही सत्ता ने जिस तरह करवट ली है, वह किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. हालांकि, दो महीने से भी पहले इसकी शुरुआत तो बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के साथ हो गई थी.
दरअसल, बोरिस जॉनसन सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. अब समय था कि कंजर्वेटिव पार्टी को अपना नया नेता चुनने का. पीएम पद की दावेदारी के लिए ब्रिटेन की पूर्व विदेश मंत्री लिज ट्रस और पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक आमने-सामने हो गए.
लिज ट्रस को कंजर्वेटिव सांसदों ने बहुमत से जिताकर प्रधानमंत्री पद पर काबिज कर दिया और ऋषि सुनक चुनाव हार गए. लिज ट्रस प्रधानमंत्री बनीं और 45 दिनों में ही उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया. दरअसल, लिज ट्रस अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर बुरी तरह घिर गई थीं और उनके पास जब कोई विकल्प नहीं बचा तो उन्होंने इस्तीफा देना ही बेहतर समझा.
लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद ऋषि को एक बार फिर मौका मिल गया. इस बाद पीएम दावेदारी में ऋषि सुनक शुरू से ही मजबूत रहे. उन्हें और ज्यादा मजबूती तब मिल गई, जब पार्टी चुनाव से पहले ही बोरिस जॉनसन चुनावी रेस से बाहर हो गए. जिसके बाद ऋषि की टक्कर में सिर्फ पेनी मोरडॉन्ट रह गई थीं.