खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर को लेकर भारत और कनाडा के बीच जारी तनातनी के बीच ब्रिटेन ने ट्रूडो सरकार को झटका दिया है. ब्रिटेन ने कहा है कि कनाडा के गंभीर आरोपों को लेकर वह ट्रूडो सरकार के साथ संपर्क में हैं लेकिन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर वह भारत के साथ बातचीत जारी रखेगा.
ब्रिटेन का यह बयान कनाडा के लिए इसलिए झटके के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को संसद (हाउस ऑफ कॉमंस) में कहा था कि इस मामले को लेकर वो अपने सहयोगी यानी जी-7 देशों के साथ भी बातचीत कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक से बात भी की थी.
कनाडा के एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र ने सीबीसी न्यूज को बताया भी था कि ट्रूडो ने जी-7 में शामिल ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन समेत अन्य सहयोगी देशों के नेताओं से इस मुद्दे पर बात की है.
हम ट्रेड में दूसरे मुद्दा नहीं लाना चाहतेः ब्रिटेन
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, ब्रिटिश पीएम सुनक के प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा, "कनाडा की ओर से भारत पर लगाए गए गंभीर आरोपों को लेकर वह कनाडा के संपर्क में हैं. लेकिन इसका भारत के साथ जारी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट बातचीत पर कोई असर नहीं पड़ेगा. व्यापार वार्ता को लेकर बातचीत पहले की तरह जारी रहेगी. कनाडा के अधिकारी अपना काम करेंगे और मैं उन्हें नहीं रोकूंगा."
ब्रिटिश पीएम के प्रवक्ता ने आगे कहा, "जिनके साथ हम ट्रेड डील को लेकर बातचीत कर रहे हैं, अगर उन देशों के साथ कोई चिंता की बात होती है तो हम संबंधित सरकार से उस मुद्दे को उठाएंगे. लेकिन भारत के साथ जारी मौजूदा वार्ता में हम ट्रेड को लेकर बातचीत कर रहे हैं. ऐसे में हम अन्य मुद्दों को इससे नहीं जोड़ना चाहते हैं.
कनाडा ने जी-7 देशों से क्या कहा था?
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा की संसद में कहा था कि वो इस मामले को लेकर अपने सहयोगियों के संपर्क में हैं. उन्होंने कहा था, "जैसा कि आपको उम्मीद होगी, हम इस बेहद गंभीर मामले पर अपने निकट सहयोगियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं."
कनाडा के एक सीनियर सरकारी सूत्र ने सीबीसी न्यूज को बताया था कि टूडो ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोंऔर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन सहित सहयोगी देशों के नेताओं को इस मामले की जानकारी दी है.
अमेरिका ने भारत-कनाडा विवाद पर क्या कहा?
भारत-कनाडा के बीच खालिस्तानी आतंकी की हत्या को लेकर चल रहे इस तनाव पर अमेरिका का भी बयान आया है.
अमेरिका ने कहा है कि वह कनाडा के सरे शहर में 'सिख कार्यकर्ता' की हत्या को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के भारत पर आरोपों से 'बेहद चिंतित' है.
व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने कहा, 'प्रधानमंत्री ट्रूडो ने जो आरोप लगाए हैं, उसे लेकर हम चिंतित हैं. हम कनाडा के अपने सहयोगियों के साथ नियमित संपर्क में रहते हैं. यह जरूरी है कि कनाडा जांच करे और अपराधियों को इंसाफ के कठघरे में लाए.'
ऑस्ट्रेलिया ने क्या कहा?
भारत और कनाडा के बीच जारी तनातनी पर ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वांग की प्रवक्ता ने कहा, 'मामले को लेकर चल रही जांच में जो आरोप लगाए जा रहे हैं, उसे लेकर ऑस्ट्रेलिया बेहद चिंतित है. ऑस्ट्रेलिया का मानना है कि सभी देशों को एक-दूसरे की संप्रभुता और कानून के शासन का सम्मान करना चाहिए. हम इस मामले को लेकर अपने सहयोगियों के संपर्क में है. हमने भारत के शीर्ष अधिकारियों को अपनी चिंताओं से अवगत कराया है.'
बयान में आगे कहा गया, 'हम समझते हैं कि इस तरह की रिपोर्ट्स बहुत से ऑस्ट्रेलियाई समुदायों से जुड़ी हुई हैं. ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय काफी मूल्यवान है और वो हमारे बहुरंगी, बहुसांस्कृतिक समाज में अहम योगदान दे रहे हैं.
10 लाख का इनामी आतंकी था हरदीप सिंह निज्जर
खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह करने की कोशिश करने वाली जमात में हरदीप सिंह निज्जर का नाम काफी आगे था. वह पंजाब के जालंधर जिले के भारसिंहपुर गांव का रहने वाला था. हरदीप सिंह निज्जर को भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने भगोड़ा और आतंकवादी घोषित कर रखा था. इसके अलावा, राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से निज्जर पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था.
जून 2023 में कनाडा के सरे शहर में हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. निज्जर को सिख धार्मिक स्थल की पार्किंग में उसके ट्रक में गोली मारी गई थी. कनाडा की सुरक्षा एजेंसियों की शुरुआती जांच के मुताबिक निज्जर को दो हमालवारों ने गोली मारी थी. इस मामले में अब तक किसी भी गिरफ्तारी नहीं हुई है.