रूस के पूर्व जासूस एलेक्जेंडर लितविनेनको को मारने के लिए संभवत: राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने मंजूदी दी थी. ब्रिटेन की एक जांच में इसकी आशंका जताई गई है. जांच करने वाले जज रॉबर्ट ओवन ने कहा, उन्हें यकीन है कि नवंबर 2006 में रशियन खुफिया एजेंसी केजीबी के पूर्व एजेंट लितविनेनको की चाय में पोलोनियम-210 का जानलेवा डोज मिलाया गया था.' उन्होंने कहा, 'यह हत्या रूस की सुरक्षा एजेंसी एफएसबी के कहने पर हुई है और शायद इस ऑपरेशन को पुतिन की अनुमति से ही अंजाम दिया गया है.'
सरकार के थे आलोचक
लितविनेनको रूस की सरकार के कड़े आलोचक थे और भ्रष्टाचार के मामले में सरकार के खिलाफ जांच कर रहे थे. वह साल 2000 में रूस से भागकर ब्रिटेन आ गए थे. ओवन ने कहा कि लितविनेनको को एफएसबी से ‘गद्दारी’ के लिए जाना जाता था और रूस की संस्थाओं और कई शख्सियतों के पास लितविनेनको का कत्ल करने की कई ताकतवर वजहें मौजूद थीं.
वहीं, प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के प्रवक्ता ने कहा है कि कैमरन रिपोर्ट को गंभीरता से देख रहे हैं. अगर यह सच है तो बेहद चिंताजनक है और सुरक्षा परिषद के किसी स्थायी सदस्य के व्यवहार के लायक नहीं है.
हालांकि मॉस्को शुरू से ही लितविनेनको की हत्या में किसी भी तरह के संबंध को नकारता आया है. यहां तक की उसने दो अहम संदिग्ध एंड्री लुगोवोई और मिट्री कोवटुन की पहचान करने से भी इंकार कर दिया था.
दो रूसी नागरिकों पर मामला
इस मामले में दो रूसी नागरिकों आंद्रेई लुगोवोई और दिमित्री कोवतुन पर हत्या का मुकदमा चल रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पुतिन से मंजूरी मिलने के बाद ही दोनों रूसी नागरिक होटल में ठहरे हुए लितविनेनको से मिलने गए.