ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की कैबिनेट में गृह मंत्री के रूप में कार्य कर चुकीं भारतवंशी प्रीति पटेल ने ऋषि सुनक की जगह अपने पूर्व बॉस को दोबारा प्रधानमंत्री बनाए जाने का समर्थन किया है. पिछली बार भी सांसद पटेल ने पीएम पद के लिए कंजर्वेटिव पार्टी की नेता लिज ट्रस और ऋषि सुनक को लेकर अपनी पसंद ही जाहिर नहीं की थी.
पटेल ने ट्वीट कर कहा कि 2019 के आम चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी के नेता जॉनसन को जनादेश मिला था. उन्होंने बेहतर और बड़े फैसले लेकर खुद को साबित किया है. उन्होंने कहा कि बोरिस जॉनसन के पास हमारे चुनावी एजेंडे को पूरा करने का मैंडेट है. मैं नेतृत्व हासिल करने के लिए जॉनसन का समर्थन करती हूं.
प्रीति से पहले वाणिज्य मंत्री जैकब रीसमॉग्ग, रक्षा मंत्री बेन वालेस और मंत्री सिमोन क्लार्क खुले तौर पर कह चुके हैं कि वे नए प्रधानमंत्री के रूप में जॉनसन का समर्थन करेंगे.
रेस में तीन नाम सबसे आगे
लिज ट्रस के पीएम पद से इस्तीफा देने के बाद फिर से नए पीएम की तलाश शुरू हो गई है. टोरी पार्टी में पीएम को लेकर मंथन तेज हो गया है. पीएम पद की रेस में बोरिस जॉनसन, ऋषि सुनक और पेनी मोर्डेंट का नाम सबसे आगे माना जा रहा है. ब्रिटिश संसद में कुल 357 टोरी सांसद (कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद) हैं. एक उम्मीदवार को बैलेट प्राप्त करने के लिए करीब 100 टोरी सांसदों का समर्थन चाहिए होगा. इस तरह से उम्मीदवारों की संख्या तीन से ज्यादा नहीं हो सकेगी.
किसके पास, कितने समर्थक
जानकारी के मुताबिक बोरिस जॉनसन के समर्थकों की संख्या 46 पर पहुंच गई है, लेकिन सुनक के समर्थकों की संख्या 100 है वहीं पेनी के समर्थकों की संख्या बढ़कर 21 पर पहुंच चुकी है. अगर केवल एक उम्मीदवार पीएम पद के लिए आगे आता है, तो ब्रिटेन को अगले हफ्ते तक नया प्रधानमंत्री मिल जाएगा. अगर दो उम्मीदवारों के बीच मुकाबला होता है, तो शुक्रवार तक 1,70,000 टोरी सदस्य ऑनलाइन वोटिंग करेंगे. बोरिस जॉनसन ने 2019 के चुनाव में 80 सीटों पर जीत के साथ टोरी पार्टी को बहुमत दिलाया था.
बोरिस जॉनसन की क्या स्थिति है?
इसी वजह से प्रधानमंत्री रेस में ऋषि सुनक और बोरिस जॉनसन सबसे आगे चल रहे हैं. वैसे कहने तो बोरिस को भी अभी एक प्रबल दावेदार माना जा रहा है, लेकिन जिन वजहों से उनका इस्तीफा हुआ था, वो कोई भूला नहीं है. पार्टीगेट और क्रिस पिंचर स्कैंडल ने जॉनसन के कार्यकाल पर ऐसा गृहण लगाया था कि उनकी पार्टी के ही कई सांसद उनके खिलाफ हो गए.
हालत ऐसी हो गई थी कि उनके खिलाफ एक विश्वास प्रस्ताव लाया गया था. वो उसे जीत तो गए, लेकिन पार्टी के ही कई नेताओं ने उनके खिलाफ वोट डाला. यानी कि वो सभी उनका इस्तीफा चाहते थे. ऐसे में अब एक बार फिर जब बोरिस पीएम रेस में हैं, उनकी दावेदारी कई विवादों से घिरी हुई है.
ऋषि सुनक की कितनी संभावना?
ऋषि सुनक ब्रिटेन के विदेश मंत्री रह चुके हैं, उन्होंने गीता पर हाथ रख कसम खाई थी. वे जानी-मानी आईटी कंपनी इनफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद भी हैं, लेकिन बोरिस जॉनसन के कार्यकाल के दौरान उनकी भूमिका और उनके कई बयान सरकार के अंदर ही विवाद का विषय बन गए थे.
जब बोरिस जॉनसन के पीएम रहते उनके कई मंत्रियों ने इस्तीफा दिया था, उसमें एक नाम ऋषि सुनक का भी था. इस्तीफा कई ने दिया लेकिन बोरिस की नजरों में उनकी सत्ता जाने की बड़ी वजह ऋषि सुनक रहे. इस वजह से ऋषि, बोरिस के लिए सबसे बड़े प्रतिद्वंदी बन गए हैं.