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भारत में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में ब्रिटेन की संसद में उठी आवाज

बुधवार को खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे एक किसान की गोली लगने से मौत हो गई जिस पर ब्रिटेन से प्रतिक्रिया आई है. ब्रिटेन के सिख सांसद ने कहा है कि लोग उन्हें पत्र लिखकर किसानों की सुरक्षा को लेकर चिंता जता रहे हैं.

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ब्रिटेन के सिख सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी
ब्रिटेन के सिख सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी

दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के बीच खनौरी बॉर्डर पर एक किसान की मौत को लेकर ब्रिटेन के सांसद ने टिप्पणी की है. गुरुवार को ब्रिटिश संसद के सिख सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी ने कहा कि किसानों की अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा की जानी चाहिए.

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ब्रिटेन की संसद को संबोधित करते हुए ढेसी ने कहा, 'मेरे निर्वाचन क्षेत्र के कई लोगों, सिख समुदाय और गुरुद्वारों के लोगों ने नई दिल्ली की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारी किसानों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई है. उन्होंने मुझे पत्र लिखा है.'

उन्होंने आगे कहा, 'पुलिस के साथ कथित झड़प में एक प्रदर्शनकारी मारा गया और उसकी मौत का कारण... मैं कोट कर रहा हूं- सिर पर गोली लगने से उसकी मौत हो गई. पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि एक और लड़के को गोली लगी है लेकिन सौभाग्य से वो बच गया. 13 घायलों के साथ अस्पताल में उसका भी इलाज चल रहा है.'

बीबीसी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने किसान आंदोलन से जुड़े एक्स (ट्विटर) अकाउंट्स के निलंबन का भी जिक्र किया.

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उन्होंने कहा, 'और आज, बीबीसी की रिपोर्ट में कहा गया है, ट्विटर ने इस बात को स्वीकार किया है कि कंपनी को उसकी मर्जी के खिलाफ एक्टिविस्टों के अकाउंट हटाने के लिए मजबूर किया जा रहा है. संसद के सदस्य भी मेरी इस बात पर सहमत हैं कि अभिव्यक्ति की आजादी, प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा और उनके मानवाधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए.'

बुधवार को हुई थी किसान की मौत

21 वर्षीय किसान शुभकरण सिंह की बुधवार को गोली लगने से मौत हो गई थी. किसानों ने केंद्र सरकार से न्यूनमत समर्थन मूल्य (MSP) की मांग करते हुए 'दिल्ली चलो' मार्च शुरू किया है लेकिन उन्हें दिल्ली की सीमाओं पर ही रोक दिया गया है.

केंद्र सरकार और किसानों के बीच गतिरोध खत्म करने के लिए कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकला है. तीन केंद्रीय मंत्रियों से किसान नेताओं की 8,12, 16 और 18 फरवरी को बातचीत हुई जिसका कोई फायदा नहीं हुआ.

कौन था शुभकरण सिंह?

22 साल का शुभकरण सिंह भारतीय किसान एकता सिद्धपुर यूनियन से संबंधित था जो 13 फरवरी को खनौरी बॉर्डर पर पहुंचा था. शुभकरण सिंह की दो बहनें हैं और उनके पिता चरणजीत सिंह स्कूल बस चलाते हैं. मां पहले ही गुजर चुकी हैं. युवा किसान के पास साढ़े 3 एकड़ जमीन है और वो पशुपालन का काम भी करते थे.

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किसान नेताओं ने बताया कि बुधवार को शुभकरण सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर सुबह का नाश्ता तैयार किया था. उसने अपने साथियों से कहा था कि साथ में खाना खा लो, आगे न जाने कब साथ बैठने या खाना खाने का मौका मिले.

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