scorecardresearch
 

अपने भारतीय ससुर को लेकर ब्रिटेन में क्यों घिरे पीएम सुनक?

ब्रिटेन का विपक्ष प्रधानमंत्री ऋषि सुनक पर हमलावर है. विपक्ष ने एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से इंफोसिस को लेकर सुनक पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ऋषि सुनक के ससुर हैं और सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति की इंफोसिस में हिस्सेदारी है.

Advertisement
X
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति को लेकर एक बार फिर विवादों में हैं (Photo- AP)
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति को लेकर एक बार फिर विवादों में हैं (Photo- AP)

ब्रिटेन में भारतीय कंपनी इंफोसिस को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. विपक्षी लेबर पार्टी ने आरोप लगाया है कि इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के ससुर हैं और सुनक की पत्नी के पास भी इंफोसिस में हिस्सेदारी है जिसे देखते हुए ब्रिटेन में इस कंपनी को प्रभावपूर्ण तरीके से 'वीआईपी पहुंच' दी गई.

Advertisement

विपक्ष ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री पर यह आरोप एक मीडिया रिपोर्ट के आधार पर लगाया है. ब्रिटेन के साप्ताहिक अखबार 'संडे मिरर' ने फ्रीडम ऑफ इंफोर्मेशन के रिक्वेस्ट सेक्शन में प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में कहा था कि व्यापार मंत्री लॉर्ड डॉमिनिक जॉनसन पिछले साल अप्रैल के महीने में बेंगलुरु गए थे जहां उन्होंने इंफोसिस के ऑफिस में जाकर एक बैठक की थी. बैठक के दौरान डॉमिनिक ने ब्रिटेन में इंफोसिस के कामकाज विस्तार पर बात की थी.

इंफोसिस ऑफिस की बैठक में लॉर्ड जॉनसन ने कथित तौर पर यह स्पष्ट किया था कि वो ब्रिटेन में इंफोसिस को अपना विस्तार करते देखना चाहते हैं. कथित तौर पर उन्होंने कहा था कि इंफोसिस के ब्रिटेन में विस्तार में वो हर संभव मदद करेंगे और ऐसा करने में उन्हें खुशी होगी.

ब्रिटिश अखबार से बातचीत में विपक्षी नेता जोनाथन एशवर्थ ने कहा कि ब्रिटेन को लोगों को हैरानी होगी कि ऋषि सुनक के इतने करीबी कंपनी को यह वीआईपी पहुंच क्यों दी गई है. यह बेहद गंभीर सवाल है.'

Advertisement

ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति की इंफोसिस में 0.19 प्रतिशत हिस्सेदारी है जिसका मूल्य लगभग 50 करोड़ है. पिछले वित्त वर्ष में अक्षता मूर्ति को अपनी हिस्सेदारी से लाखों का डिविडेंड यानी लाभांश मिला था.

इंफोसिस के साथ बैठक के लिए ब्रिटिश मंत्री को दी गई थी खास ब्रीफिंग

ब्रिटिश अखबार ने कहा गया कि व्यापार मंत्री लॉर्ड डॉमिनिक जॉनसन को बैठक के लिए एक 'स्टीयरिंग ब्रीफ' दिया गया था जिसमें कहा गया कि 'ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था की संभावनाओं पर उन्हें (इंफोसिस को) आश्वस्त करना होगा और उन्हें बताना होगा कि हम व्यापार और व्यापार विभाग (DBT) की तरफ से उन्हें अपना समर्थन देंगे.'

ऐसा कहा जा रहा है कि लॉर्ड जॉनसन ने इंफोसिस के अधिकारियों को ब्रिटेन की उच्च संभावना वाले व्यक्तिगत वीजा स्कीम के बारे में बताया था और कहा था कि इसके जरिए इंफोसिस जैसी मल्टीनेशनल कंपनी को बहुत फायदा होगा.

इन आरोपों के जवाब में डीबीटी के एक प्रवक्ता ने कहा, 'निवेश मंत्री ब्रिटेन को एक इंवेस्टमेंट चैंपियन बनाने और अरबों पाउंड का निवेश हासिल करने के लिए नियमित रूप से बिजनेस और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों से मिलते हैं, जिनमें कई भारतीय बिजनेस भी शामिल हैं. इस तरह की मुलाकातें पूरे ब्रिटेन में निवेश को बढ़ावा देती हैं, हजारों हाई क्वालिटी वाली नौकरियां पैदा करती हैं और ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देती हैं.'

Live TV

Advertisement
Advertisement