अफगानिस्तान में 10 साल की मासूम लड़की पहले एक मौलवी की हैवानियत का शिकार बनी और अब उसके परिजन ही उसकी जान लेना चाहते हैं. पहले उसके साथ मस्जिद जैसी पाक़ जगह में रेप हुआ. दुष्कर्म करने वाला एक मौलवी था जो उसे कुरान पढ़ाता.
पीड़िता की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुईं. ऐसे वक्त में जब उसे परिवारवालों की सबसे ज्यादा जरूरत थी, उन्होंने सबसे पहले मुंह मोड़ लिया. अब खबर आ रही है कि उसके परिवार वाले ही उसे मार देने (ऑनर किलिंग) की योजना बना रहे हैं.
आरोपी मौलवी मोहम्मद अमीन ने 1 मई को नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया था. जब पीड़िता को अस्पताल में लाया गया तो ज्यादा खून निकल जाने के कारण उसकी जान खतरे में थी. वहीं आरोपी ने बचाव में खोखली दलील दी कि यह लड़की की सहमति से हुआ था और उसे लगा कि लड़की की उम्र ज्यादा थी. स्थानीय पुलिस ने तो आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है पर पिछले एक हफ्ते में हालात और बिगड़ गए हैं.
रेप के मामलों में ऑनर किलिंग की वारदात इन दिनों अफगानिस्तान में आम हैं. पीड़ित के परिवारवालों के लिए आरोपियों को सजा दिलाने से ज्यादा अहम ऑनर किलिंग हो गया है. देश के मानवाधिकार संगठन बताते हैं कि पिछले एक साल में करीबन 150 ऐसे ही मामले सामने आए हैं.
महिला संगठनों ने इस वारदात को लेकर स्थानीय पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके परिवारवालों से पीड़िता की जान को खतरा है. इसके बावजूद स्थानीय पुलिसकर्मियों ने पीड़िता को शरणार्थी गृह से हटाकर उसके घर पहुंचा दिया.
अफगान वुमेन शेल्टर की हेड डॉ. हसिना सरवारी बताती हैं कि घटना के बाद जब वह पीड़िता की मदद के लिए सामने आईं तो उन्हें जान से मारने की धमकी मिली. इसके बाद उन्हें छिपना पड़ा. सरवारी ने बताया कि घटना के बाद जब वह लड़की को लाने के लिए अस्पताल पहुंचीं तो वहां पीड़िता के गांव के कई वरिष्ठ लोग पहले से मौजूद थे. लड़की के भाई, पिता और चाचा वहीं पर थे.
अस्पताल के अंदर डॉ. सरवारी की मुलाकात पीड़िता की चाची से हुई, जिसने उन्हें बताया कि उसे लड़की को चुपचाप अस्पताल से बाहर निकालकर पुरुष रिश्तेदारों को सौंपने का आदेश मिला है. जो लड़की को कहीं दूर ले जाकर मार डालेंगे और उसके शरीर को नदी में फेंक देंगे.