पाकिस्तान के शीर्ष राजनयिक ने शनिवार को दावा किया कि हिजबुल कमांडर बुरहान वानी को मार गिराना कश्मीर के लिए महत्वपूर्ण मोड़ है. उन्होंने घाटी में हिंसा को स्थानीय युवकों के नेतृत्व वाला आंदोलन बताया जो राज्य की जनसांख्यिकी को बदलने के लिए भारत के भटके हुए प्रयास के चलते पैदा हुआ.
विदेश मामलों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अजीज ने पांच फरवरी को हर साल मनाए जाने वाले कश्मीर एकजुटता दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही. अजीज ने दावा किया कि भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा आठ जून को वानी को मार गिराने के बाद हुई हिंसा में कई मौतें हुईं और कई लोग या तो पूरी तरह से या आंशिक रूप से दृष्टिहीन हो गए.
आठ जून को मारा गया बुरहान वानी
गौरतलब है कि 8 जून को हिजबुल मुजाहिदीन के पोस्टर ब्वॉय और टॉप कमांडर बुरहान वानी को मारा गया था. बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में तनाव बढ़ा. बुहरान के समर्थन में प्रदर्शनकारियों ने
जम्मू-श्रीनगर हाइवे को बंद किया और करीब तीन महीने तक लगातार घाटी में कर्फ्यू लगा रहा.
अनंतनाग में मुठभेड़ के दौरान ढेर
बुरहान के सिर पर 10 लाख का इनाम था. जानकारी के मुताबिक, अनंतनाग के कोकरनाग इलाके में राष्ट्रीय रायफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस से मुठभेड़ में बुरहान मारा गया था. वह दक्षिण कश्मीर के त्राल का रहने
वाला था. बुरहान की मौत की खबर फैलने के तुरंत बाद श्रीनगर में पाकिस्तान समर्थक नारे सुनाई दिए.