अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की मदद करने के लिए फेसबुक यूजर्स के डेटा चुराने का आरोप झेल रही कैम्ब्रिज एनालिटिका ने इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. फर्म की ओर से ट्विटर पर बयान दिया गया है. फर्म ने कहा है कि उन्होंने कभी भी ट्रंप के कैंपेन के लिए डेटा का इस्तेमाल नहीं किया था.
फर्म की ओर से कहा गया कि उन्हें डेटा चोरी होने के बारे में 2015 में पता लगा था, और उस दौरान ही इस समस्या को डिलीट कर दिया था. लेकिन डेटा को ट्रंप के कैंपेन के दौरान इस्तेमाल नहीं किया गया.
फर्म ने कहा कि क्रिस्टोफर वाइल ने हमारे साथ एक पार्टटाइम कॉन्ट्रैक्टर के तौर पर जुलाई 2014 तक काम किया था, जब उन्होंने काम छोड़ा तो हमने उसके खिलाफ लीगल एक्शन भी लिया.
We found out that GSR's data breached Facebook's terms in 2015; we've since certified it was deleted. It was never used on the Trump campaign. pic.twitter.com/AFpxCpoDjo
— Cambridge Analytica (@CamAnalytica) March 22, 2018
Information Commissioner's Office (ICO) के बारे में फर्म ने कहा कि ICO ने मार्च 2017 में हमारे लंदन ऑफिस का दौरा किया था, जिस दौरान हमने उन्हें सभी जानकारी मुहैया कराई थी. ICO ने हमारे साथ 2017 तक काम किया है, अब हमारे पास कोई डेटा नहीं है. जब क्रिस्टोफर वाइल का इंटरव्यू सामने आया, तब तक वह हमारी कंपनी छोड़ चुका था.
गौरतलब है कि कैम्ब्रिज एनालिटिका दुनिया भर में 200 से ज्यादा चुनावों में काम कर चुकी है. लेकिन अब तक की उसकी सबसे बड़ी उपलब्धि 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी के लिए काम करना और ट्रंप की जीत में मदद करना है. ऐसा माना जाता है कि कंपनी ने बिना किसी खास झुकाव वाले वोटर्स की पहचान की और उन्हें ट्रंप के पक्ष में करने में अहम भूमिका निभाई थी.
कंपनी ने लाखों डेटा प्वाइंट का विश्लेषण किया, लगातार उन पर नजर रखी और आसानी से मान जाने वाले वोटर्स की पहचान की. कंपनी ने उन्हें लक्ष्य कर महत्वपूर्ण मौकों पर संदेश भेजे. यह सब कई बार और काफी कम लागत में हो सका.
क्या है मामला?
गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की मदद करने वाली एक फर्म ‘कैम्ब्रिज एनालिटिका’ पर लगभग 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स के निजी जानकारी चुराने के आरोप लगे हैं. इस जानकारी को कथित तौर पर चुनाव के दौरान ट्रंप को जिताने में सहयोग और विरोधी की छवि खराब करने के लिए इस्तेमाल किया गया है.
इस बीच फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने इस मुद्दे को लेकर फेसबुक पर पोस्ट लिखा है. अपने पोस्ट में उन्होंने बताया है कि कंपनी ने इस मामले में अभी तक कई कदम उठाए हैं और आगे भी कड़े कदम उठा सकती है. जकरबर्ग ने कैम्ब्रिज एनालिटिका के मामले में अपनी गलती को कबूला है.
जकरबर्ग ने लिखा कि लोगों के डेटा को सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है, अगर हम इसमें फेल होते हैं तो ये हमारी गलती है. उन्होंने कहा कि हमने इसको लेकर पहले भी कई कदम उठाए थे, हालांकि हमसे कई गलतियां भी हुईं लेकिन उनको लेकर काम किया जा रहा है. उन्होंने लिखा कि फेसबुक को मैंने शुरू किया था, इसके साथ अगर कुछ भी होता है तो इसकी जिम्मेदारी मेरी ही है. हम अपनी गलतियों से सीखने की कोशिश करते रहेंगे, हम एक बार फिर आपका विश्वास जीतेंगे.