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1985 के एयर इंडिया बमकांड के पूर्व संदिग्ध की हत्या का मामला, कनाडाई कोर्ट ने दोषी को सुनाई उम्रकैद की सजा

कनाडा की एक अदालत ने 24 वर्षीय शख्स टैनर फॉक्स को सिख व्यापारी रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या के मामले में उसे 20 साल तक पैरोल के बिना उम्रकैद की सजा सुनाई है. मलिक पूर्व में 1985 एयर इंडिया बम विस्फोट के संदिग्ध थे, जिन्हें बाद में बरी कर दिया गया था.

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कनाडा पुलिस (सांकेतिक तस्वीर)
कनाडा पुलिस (सांकेतिक तस्वीर)

कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया सुप्रीम कोर्ट के एक जज ने मध्यम वर्गीय क्षेत्र में सिख व्यापारी रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या के मामले में 24 वर्षीय टैनर फॉक्स को उम्रकैद की सजा सुनाई है. फॉक्स को 20 साल तक पैरोल के बिना जेल में रखा जाएगा. यह घटना 15 जुलाई, 2022 की है जब ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में मलिक को उनकी कार में ही गोली मार दी गई थी.

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मलिक और उनके सह-आरोपी अजैबसिंह बगरी को कोर्ट ने 1985 के एयर इंडिया बम विस्फोट मामले में दोषमुक्त किया था, लेकिन वे उस गंभीर अपराध के लिए बदनाम थे. मलिक की हत्या के दो सप्ताह बाद, अब्बोट्सफोर्ड, ब्रिटिश कोलंबिया के निवासी फॉक्स और उनके साथी जोस लोपेज को वैंकूवर के सबसिटी न्यू वेस्टमिंस्टर से गिरफ्तार किया गया था. दोनों ने मलिक की सेकंड डिग्री के हत्या के आरोप में अपनी गलती स्वीकार की थी. लोपेज को शुक्रवार को सजा सुनाई जाएगी.

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परिवार ने दोषियों से की मास्टरमाइंड का खुलासा करने की अपील

वकील ने बताया कि दो लोगों को मलिक की हत्या के लिए किराए पर रखा गया था, लेकिन उन्होंने इस बात का खुलासा नहीं किया कि उन्हें किसने काम पर रखा था. मलिक के परिवार ने फॉक्स से अपील की कि वे इस रहस्य का पर्दाफाश करें कि उन्हें किसने काम पर रखा. 

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रिपुदमन सिंह मलिक के बेटे, जसप्रीत सिंह मलिक ने कहा, "मैं फॉक्स और लोपेज से सही काम करने की अपील करता हूं. RCMP को बताएं कि उन्हें किसने काम पर रखा. उन लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाए. हम अपील करते हैं कि RCMP अपना काम जारी रखे और उन लोगों का पता लगाए जिन्होंने फॉक्स और लोपेज को काम पर रखा था."

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1985 में एयर इंडिया की विमान में विस्फोट का मामला

1985 में एयर इंडिया की उड़ान 182 पर हुए बम विस्फोट में विमान में सवार सभी 329 लोग मारे गए थे. यह कनाडा के इतिहास और एयरलाइन की इतिहास की सबसे भयानक घटनाओं में से एक मानी जाती है. तब मलिक पर कई आरोप लगे थे, लेकिन उन्हें और एक अन्य संदिग्ध को 2005 में दोषमुक्त कर दिया गया था. विमान 31,000 फीट की ऊंचाई पर तब था जब एक सूटकस बम आगे कार्गो में विस्फोट गया था. इस मामले में एक और बम जापान से एयर इंडिया की दूसरी उड़ान में रखा गया था, लेकिन वह टोक्यो के नारिता हवाई अड्डे पर फट गया, जिसमें दो बैगेज हैंडलर्स की मौत हो गई थी.

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