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खालिस्तानी निज्जर की हत्या में एक और भारतीय गिरफ्तार, कनाडा पुलिस बोली- आरोपियों को सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध

आरोपी अमनदीप सिंह अब करण बराड़ (22), कमलप्रीत सिंह (22) और करणप्रीत सिंह (28) के साथ मामले में गिरफ्तार किया गया चौथा व्यक्ति है. सभी को निज्जर की हत्या के सिलसिले में एक जैसे आरोप के तहत गिरफ्तार किया गया है.

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गिरफ्तार किया गया चौथा आरोप अमनदीप सिंह और हरदीप सिंह निज्जर
गिरफ्तार किया गया चौथा आरोप अमनदीप सिंह और हरदीप सिंह निज्जर

कनाडा (Canada) की पुलिस ने शनिवार को बताया कि खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर मर्डर केस में चौथे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. इंटीग्रेटेड होमिसाइड इन्वेस्टिगेशन टीम (IHIT) ने बताया कि उन्होंने अमनदीप सिंह नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया है और उस पर फर्स्ट-डिग्री हत्या और निज्जर की हत्या की साजिश का आरोप लगाया है. कनाडा पुलिस ने कहा, "यह गिरफ्तारी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भूमिका निभाने वालों को जिम्मेदार ठहराने के लिए हमारी चल रही जांच की प्रकृति को दर्शाती है."

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IHIT ने कहा कि ब्रैम्पटन, सरे और एबॉट्सफोर्ड में रहने वाला 22 वर्षीय भारतीय नागरिक अमनदीप सिंह पहले से ही हथियारों से जुड़े मामले में लगे आरोपों के लिए ओंटारियो में हिरासत में था. 

अमनदीप सिंह अब करण बराड़ (22), कमलप्रीत सिंह (22) और करणप्रीत सिंह (28) के साथ मामले में गिरफ्तार किया गया चौथा व्यक्ति है. सभी को निज्जर की हत्या के सिलसिले में एक जैसे आरोप के तहत गिरफ्तार किया गया है.

यह भी पढ़ें: क्या है निज्जर की हत्या में पकड़ा गया KKK ग्रुप, लॉरेंस गैंग से कनेक्शन? भारत से क्यों जोड़ रही ट्रूडो सरकार

कनाडा में गुरुद्वारे के बाहर हुई थी निज्जर की हत्या

कनाडा के सरे (Surrey) में एक गुरुद्वारे के बाहर हुई गोलीबारी में निज्जर की मौत हो गई थी. उसका नाम भारत सरकार द्वारा जारी एक लिस्ट में 40 अन्य 'नामित आतंकवादियों' के साथ शामिल किया गया था. हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड में कनाडा का मानना है कि इसके पीछे भारत का हाथ है. 

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निज्जर खालिस्तानी आतंकी और खालिस्तान टाइगर फोर्स का चीफ था. वह बीते कई सालों से कनाडा में रह रहा था और वहां से भारत के खिलाफ खालिस्तानी आतंकवाद को हवा दे रहा था. खुफिया सूत्रों के मुताबिक, निज्जर भारतीय जांच एजेंसियों के लिए पिछले एक साल में इसलिए और भी ज्यादा बड़ा सिरदर्द बन गया था क्योंकि उसने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गों को विदेशों में लॉजिस्टिक और पैसा मुहैया करवाना शुरू कर दिया था.

ट्रूडो जब 2018 में भारत दौरे पर आए थे. उस समय उन्हें पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने खालिस्तानी आतंकियों की एक सूची सौंपी थी, जिसमें निज्जर का भी नाम शामिल था. केंद्रीय गृहमंत्रालय ने 2020 में निज्जर को आतंकी घोषित कर दिया था. 2010 में पटियाला के एक मंदिर के बाहर हुए बम विस्फोट में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. उस पर हिंसा भड़काने, आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने सहित कई मामलों में पुलिस को तलाश थी. 

भारत ने हरदीप सिंह निज्जर को डेजिग्नेटिड टेरेरिस्ट यानी आतंकवादी घोषित किया था. NIA ने उस पर 10 लाख का इनाम भी घोषित कर रखा था.

निज्जर की हत्या में भारतीय भूमिका के कनाडा के आरोपों के बाद भारत-कनाडाई संबंधों में गिरावट आई थी. भारत ने पहले ट्रूडो और उनकी पार्टी पर खालिस्तानियों को लुभाने के लिए वोट-बैंक की राजनीति का आरोप लगाया था. 

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जस्टिन ट्रूडो ने कई मौकों पर लगाए हैं भारत पर आरोप

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो कई मौकों पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत पर आरोप लगाए हैं. उन्होंने हाल ही में खालसा दिवस के मौके पर टोरंटो के एक कार्यक्रम में शिरकत की थी, जिसमें खालिस्तान के समर्थन में नारेबाजी की गई थी.

ऐसे में निज्जर की हत्या को लेकर दिए गए ट्रूडो के ताजा बयान पर भारत ने एक बार फिर प्रतिक्रिया दी है. भारत सरकार ने कहा है कि ट्रूडो के बयान ने एक बार फिर दर्शा दिया है कि कनाडा में अलगाववाद, चरमपंथ और हिंसा को पॉलिटिकल स्पेस दिया गया है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पीएम ट्रूडो ने पहले भी इसी तरह की टिप्पणी की है. उनके बयानों ने एक बार फिर दिखा दिया है कि कनाडा में चरमपंथ, कट्टरपंथ और हिंसा को पॉलिटिकल स्पेस दिया गया है. उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ भारत और कनाडा के संबंध प्रभावित होंगे बल्कि इससे कनाडा में हिंसा और अपराध के माहौल को हौसला मिला है. 

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