कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का भारतीय दौरा लगातार खबरों में बना हुआ है. खालिस्तानी आतंकी जसपाल अटवाल का मुंबई आना और पीएम ट्रूडो के डिनर में शामिल होने की घटना ने हर किसी को चौंका कर रख दिया. लेकिन अब इस मुद्दे को लेकर जसपाल अटवाल ने सफाई दी है.
अटवाल ने कहा है कि 1986 में हुई शूटिंग की एक घटना को आज के समय में इस प्रकार उछालना ठीक नहीं है. आरोप है कि जसपाल अटवाल ने 1986 में कनाडा के वैंकुवर में पंजाब के उदार सिख नेता मल्कियत सिंह सिंधू पर गोलीबारी की थी, हालांकि सिंधू बच गए थे. इसके बाद जसपाल को कोर्ट द्वारा हत्या करने के प्रयास का दोषी माना गया था और जेल भी भेजा गया था.
अटवाल ने कनाडाई मीडिया से कहा कि वह मुंबई में व्यापार से जुड़े काम से गए थे, उनका दिल्ली में डिनर में शामिल होने का इरादा नहीं था. अटवाल ने कहा है कि उनसे नफरत करने वाले लोग इस फोटो को गलत तरीके से फैला रहे हैं, वह 11 फरवरी को भारत आए थे. अटवाल ने बताया कि वह सरकारी डेलिगेशन के साथ नहीं बल्कि पर्सनल दौरे पर आए थे.
अभी हाल ही में कनाडाई पीएम की पत्नी के साथ उनकी तस्वीर को लेकर काफी बवाल मचा था. इसके अलावा उन्हें दिल्ली में आयोजित कनाडाई पीएम के लिए राजकीय भोज का आमंत्रण भी मिला था, लेकिन मामले के तूल पकड़ने के बाद न्योता रद्द कर दिया गया था.
कनाडाई मीडिया में भी इस बात की खबरें लगातार चलाई गई कि जसपाल अटवाल प्रतिबंधित संगठन इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन से जुड़ा और मर्डर के प्रयास के लिए दोषी माना गया खालिस्तानी आतंकी है.
कनाडा PMO की सफाई, आतंकी नहीं है डेलिगेशन का हिस्सा
कनाडा के प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस बारे में सफाई दी थी. कनाडा पीएम ऑफिस ने अपने बयान में कहा है, 'इस व्यक्ति को किसी भी आयोजन में आमंत्रित नहीं किया जाना चाहिए था. उसके आमंत्रण को रद्द कर दिया गया है. हम जांच कर रहे हैं कि आखिर ऐसा कैसे हुआ.