नई दिल्ली और ओटावा के बीच संबंधों में दरार के बीच, कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा है कि वह अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर के साथ निकट संपर्क में हैं. उन्होंने कहा कि यह दोनों देशों के बीच दशकों से चले आ रहे संबंधों में 'एक कठिन क्षण' है. मेलानी जोली ने यह टिप्पणी हाल ही में टोक्यो में हुई G7 विदेश मंत्रियों की बैठक में अपनी भागीदारी पर चर्चा करने के लिए गुरुवार को एक वर्चुअल न्यूज कांफ्रेंस के दौरान की.
न्यूज कांफ्रेंस के दौरान जोली ने भारत के साथ कनाडा के राजनयिक गतिरोध पर चर्चा की, खासकर ऐसे समय में जब दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं. उन्होंने कहा, 'जब भारत की बात आती है, तो मैंने कई बार इसका उल्लेख किया है...मैं अपने समकक्ष एस जयशंकर के साथ निकट संपर्क में हूं और हम जानते हैं कि दशकों से चले आ रहे रिश्ते में यह एक कठिन क्षण है. मुझे विश्वास है कि हम (भारत और कनाडा) इस कठिन दौर से निकलने में सक्षम होंगे, क्योंकि हम जानते हैं कि एक दूसरे से हमारे कई हित भी जुड़े हैं, जिनके लिए हम मिलकर काम कर सकते हैं.'
मेलानी जोली ने राजनयिकों की छूट निरस्त करने पर जतायी चिंता
भारत से वापस बुलाए गए 41 कनाडाई डिप्लोमैट्स के मुद्दे पर उन्होंने कहा, 'हमारे राजनयिकों को भारत छोड़ना पड़ा क्योंकि उन्हें दी गई राजनयिक छूट वापस ले ली गई थी.' मेलानी जोली ने इस बारे में बात करते हुए कहा, 'निश्चित रूप से हम अपने सभी दोस्तों और समान विचारधारा वाले लोगों के साथ इंडो-पैसिफिक के भीतर अपने संबंधों के बारे में बात करते हैं...और हम 41 कनाडाई राजनयिकों की राजनयिक प्रतिरक्षा छुट वापस लेने के नई दिल्ली के फैसले से चिंतित हैं. इस फैसले ने हमारे राजनयिकों की सुरक्षा को खतरे में डाला.'
पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या विवाद अब सुलझ गया है? कनाडाई विदेश मंत्री ने कहा, ठीक है. सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण बात, मैंने यह कई बार कहा है कि कनाडाई राजनयिकों को भारत छोड़ना पड़ा क्योंकि उनकी छूट वापस ले ली गई थी...और मैंने कहा कि कनाडा जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा...' गौरतलब है कि कनाडा में खालिस्तानी टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद नई दिल्ली और ओटावा के बीच राजनयिक तनाव बढ़ गया.
जस्टिन ट्रूडो के बेतुके आरोपों के बाद बिगड़े दोनों देशों के संबंध
जस्टिन ट्रूडो ने कनाडाई संसद में एक बहस के दौरान दावा किया कि उनके देश के राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों के पास यह मानने के पर्याप्त कारण हैं कि 'भारत सरकार के एजेंटों ने कनाडाई नागरिक और सरे के गुरु नानक सिख गुरुद्वारे के अध्यक्ष हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को अंजाम दिया.' हालांकि, भारत ने इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया था और इसे 'बेतुका' और 'प्रेरित' बताया था. आपको बता दें कि कनाडा ने अभी तक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के दावे का समर्थन करने के लिए कोई सार्वजनिक सबूत उपलब्ध नहीं कराया है.
निज्जर की इस साल 18 जून को कनाडा में हत्या कर दी गई थी
इस साल 18 जून को कनाडा के सरे, ब्रिटिश कोलंबिया में एक गुरुद्वारे के बाहर पार्किंग एरिया में हरदीप सिंह निज्जर की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. निज्जर को भारत ने आतंकवादी घोषित कर रखा था. कनाडा के साथ बढ़े राजनयिक गतिरोध के बीच, भारत ने सितंबर में 'अगली सूचना' तक अपनी वीजा सेवाएं रोक दी थीं. हालांकि, गत 26 अक्टूबर को सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के बाद भारत ने कनाडा के लिए चार श्रेणियों एंट्री, बिजनेस, मेडिकल और कांफ्रेंस में वीजा सेवाओं को फिर से शुरू करने का फैसला किया.