अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वार को लेकर कनाडा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. प्रधानमंत्री मार्क कार्नी (Mark Carney) ने कहा कि अमेरिका के साथ कनाडा के पुराने आर्थिक और रक्षा संबंध अब खत्म हो गए हैं.
कनाडा के प्रधानमंत्री माइक कार्नी ने कहा कि हमें अगले कुछ हफ्तों, महीनों और साल में हमारी अर्थव्यवस्था को लेकर बोल्ड फैसले लेने होंगे. हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि कनाडा हर क्षेत्र में सफल हो. मौजूदा स्थिति को देखकर ये तय है कि अब हम अमेरिका पर भरोसा नहीं कर सकते.
उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ हमारी अर्थव्यवस्थाओं और सुरक्षा एवं सैन्य सहयोग को लेकर दशकों पुराने संबंध अब खत्म हो गए. अब समय आ गया है कि हम हमारी सुरक्षा और व्यापारिक संबंधों पर दोबारा चर्चा करें.
कार्नी ने कहा कि यह स्पष्ट है कि कनाडाई नागरिकों के तौर पर हमारे पास शक्ति है. हमारे देश के भविष्य का फैसला हम खुद करेंगे. हम अपने भविष्य को खुद नियंत्रित करेंगे. कोई हम पर हक नहीं जमा सकता, अमेरिका भी नहीं.
उन्होंने कहा कि ये हम पर सीधा हमला है. हम हमारे कामगारों, हमारी कंपनियों और हमारे देश की रक्षा करेंगे और ये काम हम मिलकर करेंगे.
किस देश पर कितना पड़ेगा असर?
कनाडा और अमेरिका की अर्थव्यवस्थाएं एक दूसरे पर काफी हद तक निर्भर रही हैं. दोनों देश उत्तरी अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौते यानी नाफ्टा के तहत व्यापार करते हैं. 2023 के आंकड़ों के मुताबिक, कनाडा एक तरह से अमेरिका का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार देश है. अमेरिका, कनाडा से लगभग 421 अरब डॉलर का सामान आयात करता है, जिसमें कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस और ऑटोमोबाइल पार्ट्स शामिल हैं.
कनाडा एक तरह से अमेरिका को 60 फीसदी से अधिक कच्चा तेल और 85 फीसदी से अधिक प्राकृतिक गैस की सप्लाई करता है. इसके बंद होने से अमेरिका में ऊर्जा की कीमतें आसमान छू सकती हैं.
वहीं, कनाडा की अर्थव्यवस्था भी अमेरिका पर बहुत अधिक निर्भर है. कनाडा अपने कुल निर्यात का लगभग 75 फीसदी अमेरिका को भेजता है. अगर यह बाजार बंद हो जाए, तो कनाडा की जीडीपी में भारी गिरावट आ सकती .
कनाडा के लिए नए व्यापारिक साझेदार ढूंढना आसान नहीं होगा. यूरोप और एशिया के साथ दूरी और लागत के कारण तत्काल विकल्प सीमित हैं. इससे बेरोजगारी और आर्थिक संकट बढ़ सकता है.
बता दें कि कनाडा और अमेरिका न सिर्फ पड़ोसी हैं, बल्कि नाटो और NORAD (North American Aerospace Defense Command) जैसे सैन्य गठबंधनों से भी जुड़े हुए हैं.
ट्रंप के किस फैसले पर भड़का कनाडा?
ट्रंप ने अमेरिका में आयात होने वाली कारों पर 25 फीसदी का टैरिफ लगा दिया है. ट्रंप का यह नया टैरिफ दो अप्रैल से लागू होने जा रहा है. माना जा रहा है कि इस टैरिफ से अमेरिका को तकरीबन 100 अरब डॉलर का फायदा होगा.
ट्रंप का यह 25 फीसदी टैरिफ इम्पोर्टेड कार और ऑटो पार्ट्स पर लगेगा. ट्रंप को उम्मीद है कि इससे अमेरिकी ऑटो कंपनियों का रेवेन्यू बढ़ेगा लेकिन दूसरी तरफ इससे महंगाई बढ़ने का खतरा भी है क्योंकि टैरिफ का बोझ आखिर में ग्राहकों पर पड़ सकता है.
इसके अलावा ट्रंप ने 2 अप्रैल से भारत और कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान भी किया है. ट्रंप ने इसी महीने अमेरिकी संसद को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत जैसे कई देश बहुत ज्यादा टैरिफ लेते हैं, अब अमेरिका भी ऐसा ही करेगा. माना जा रहा है कि 2 अप्रैल से एक नया ट्रेड वॉर शुरू हो सकता है.