कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को बुधवार, 4 सितंबर को एक बड़ा झटका लगा जब उनकी अल्पमत सरकार को समर्थन देने वाली न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) ने अपना समर्थन वापस ले लिया. इस कदम के बाद ट्रूडो को अपनी सरकार चलाने के लिए नए गठबंधन की तलाश करनी पड़ रही है.
NDP के नेता जगमीत सिंह ने 2022 में ट्रूडो के साथ किए गए समझौते को "रद्द" करने की घोषणा करते हुए कहा कि उनका धैर्य अब खत्म हो गया है. हालांकि, ट्रूडो ने शुरुआती चुनाव की बातों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी प्राथमिकता कनाडाई जनता के लिए सामाजिक कार्यक्रमों को आगे बढ़ाना है. उन्होंने कहा, "हम कनाडाई लोगों के लिए काम करेंगे और उम्मीद करते हैं कि अगले चुनाव तक हम अपने कार्यक्रम पूरा करेंगे."
इस समर्थन वापसी के बाद ट्रूडो अब विपक्षी दलों पर निर्भर होंगे, खासकर जब संसद में विश्वास मत की जरूरत होगी. यदि अब चुनाव होते हैं, तो हालिया सर्वे के अनुसार, ट्रूडो की लिबरल पार्टी को भारी हार का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि, कनाडा में अगला चुनाव अक्टूबर 2025 तक होना जरूरी है. ट्रूडो, साल 2015 से प्रधानमंत्री हैं, पिछले कुछ वर्षों से विपक्षी दलों, विशेष रूप से कंज़र्वेटिव पार्टी द्वारा महंगाई और आवास संकट को लेकर आलोचना का सामना कर रहे हैं. NDP के समर्थन से उनकी सरकार ने कई सामाजिक कार्यक्रमों को लागू किया है, जिनमें से एक राष्ट्रीय डेंटल प्रोग्राम भी है.
हालांकि, जगमीत सिंह ने हाल के महीनों में ट्रूडो के नेतृत्व पर निराशा जताई है, खासकर खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतों को लेकर उनकी निराशा सबसे अधिक रही है. सिंह ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो में कहा, "जस्टिन ट्रूडो ने बार-बार कॉर्पोरेट लालच के सामने घुटने टेक दिए हैं. लिबरल्स ने जनता को धोखा दिया है और उन्हें दूसरा मौका नहीं मिलना चाहिए."
हालांकि, NDP के लिए भी हालात ज्यादा बेहतर नहीं हैं. हालिया सर्वे के अनुसार, पार्टी का प्रदर्शन तीसरे स्थान पर है, जबकि सिंह ने प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी की घोषणा की है.
कंज़र्वेटिव नेता पियरे पोलीएवर ने भी सिंह और ट्रूडो पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों ने मिलकर देश की आर्थिक स्थिति को खराब किया है और जनता को संकट में डाला है. उन्होंने "कार्बन टैक्स चुनाव" की मांग की, ताकि जनता यह तय कर सके कि वे मौजूदा गठबंधन को चुनते हैं या "कॉमन सेंस" कंज़र्वेटिव सरकार को.