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तानाशाहों के लिए ना गाएं, मारे गए पत्रकार खशोगी की मंगेतर की सिंगर से अपील

कनाडा के सुपरस्टार पॉप सिंगर जस्टिन बीबर दिसंबर के महीने में सऊदी अरब में शो करने वाले हैं. हालांकि उन्होंने शायद ही उम्मीद की होगी कि उन्हें खास तरह की अपीलों का सामना करना पड़ेगा. दरअसल जस्टिन से अपील की जा रही है कि वे सऊदी अरब में होने वाले शो को कैंसिल कर दें.

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जस्टिन बीबर अपनी पार्टनर के साथ फोटो क्रेडिट: रॉयटर्स
जस्टिन बीबर अपनी पार्टनर के साथ फोटो क्रेडिट: रॉयटर्स
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सऊदी अरब परफॉर्म करने जा रहे हैं जस्टिन बीबर
  • दिवंगत पत्रकार की मंगेतर ने जस्टिन से की इमोशनल अपील

कनाडा के सुपरस्टार पॉप सिंगर जस्टिन बीबर दिसंबर के महीने में सऊदी अरब में शो करने वाले हैं. हालांकि, उन्होंने शायद ही उम्मीद की होगी कि उनके इस शो का कोई विरोध करेगा. सऊदी अरब के दिवंगत पत्रकार खशोगी की मंगेतर ने जस्टिन बीबर से अपील की है कि वे सऊदी अरब में होने वाले शो को कैंसिल कर दें. दरअसल, साल 2018 में वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार और सऊदी अरब सरकार के आलोचक रहे जमाल खशोगी की इंस्ताुंबल स्थित सऊदी वाणिज्यिक दूतावास में हत्या कर दी गई थी और इस हत्या को लेकर सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पर कई गंभीर आरोप लगे थे.

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जमाल की मंगेतर हैटिस सेनगिज ने जस्टिन बीबर के लिए एक ओपन लेटर लिखा है. ये पत्र अमेरिका के मशहूर अखबार वॉशिंगटन पोस्ट में छपा है. हैटिस ने लिखा कि मैं जस्टिन बीबर से अपील करती हूं कि अपनी प्रस्तुति को रद्द करके दुनिया को एक शक्तिशाली संदेश दें कि आपके नाम और प्रतिभा का उपयोग ऐसे शासन की प्रतिष्ठा को बहाल करने के लिए नहीं किया जाएगा, जो अपने आलोचकों की हत्या करता हो.

'प्लीज पैसों के बजाए न्याय और आजादी चुनें'

उन्होंने इस ओपन लेटर में आगे लिखा था कि प्लीज आप जमाल के हत्यारों के लिए गाना ना गाएं. आप इस मुद्दे पर बोलें और उनके हत्यारों की आलोचना करें. आपकी आवाज को लाखों-करोड़ों लोग सुनेंगे. अगर आप सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का प्यादा बनने से इंकार करते हैं तो आपका मैसेज साफ होगा कि आप तानाशाहों के लिए परफॉर्म नहीं करते हैं और आपने पैसों के बजाए न्याय और आजादी को चुना है. 

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वहीं, इस मामले में कुछ मानवाधिकार संगठनों ने भी अपनी बात रखी है. इस शो में हिस्सा लेने वाले एसैप रॉकी, डेविड ग्वेटा, टिएस्टो और जेसन डेरुलो जैसे आर्टिस्ट्स से अपील की गई है कि वे सऊदी अरब में मानवाधिकरों के हनन को लेकर अपनी बात रखें. ह्यूमन राइट्स वॉच का कहना है कि सऊदी अरब का इतिहास रहा है कि वह मशहूर हस्तियों और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के सहारे अपने सत्ता के दुरुपयोग से ध्यान भटकाने की कोशिश करता है. 

गौरतलब है कि जमाल का जन्म सऊदी अरब में हुआ था और इसके बाद वे अमेरिका में रहने लगे थे. वे वॉशिंगटन पोस्ट में सऊदी के क्राउन प्रिंस पर काफी आलोचनात्मक पोस्ट लिखते थे और उन्हें सऊदी अरब के लिए ठीक नहीं बताते थे. 2 अक्टूबर 2018 को जमाल की इस्तांबुल स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास के अंदर निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी.

अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट से सऊदी प्रिंस की बढ़ी थी मुश्किलें

हाल ही में आई अमेरिकी खुफिया विभाग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस सलमान बिन मोहम्मद ने ही निर्वासन में रह रहे सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या की साजिश को मंजूरी दी थी. बाइडेन प्रशासन ने एक खुफिया रिपोर्ट जारी की थी जिसमें कहा गया है कि सऊदी युवराज ने उस साजिश को अपनी सहमति दी थी जिसके तहत अमेरिका में रह रहे सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी को या तो जिंदा पकड़ने या मारने की बात कही गई थी. हालांकि, सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान इस बात से इनकार करते रहे हैं कि उन्होंने जमाल खशोगी की हत्या के आदेश दिए थे.

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