फ्रांस की राजधानी पेरिस में बुधवार को व्यंग्य पत्रिका 'चार्ली एब्दो' पर आतंकी हमले के बाद गुरुवार को एक बार फिर फायरिंग शुरू हो गई है. शहर के दक्षिणी इलाके मोंटोर्ग में हुए ताजा फायरिंग में एक महिला समेत दो पुलिस अधिकारी को गोली लगी, जिसमें महिला अधिकारी की मौत हो गई है, वहीं खबर है कि पुलिस को उत्तरी फ्रांस में संदिग्ध आतंकियों का सुराग मिला है. जबकि सुबह शूटआउट के बाद एक संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया गया था. बताया जाता है कि फायरिंग के बाद आतंकी मेट्रो से फरार हो गए. आतंकियों ने बुलेटप्रूफ जैकेट पहन रखे थे.
दूसरी ओर, फ्रांस के लियॉन शहर में सुबह 6 बजे एक मस्जिद के पास विस्फोट की भी खबर है. धमाके कारण आसपास के रेस्त्रां की खिड़कियां टूट गई हैं. हालांकि इसमें किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है. यह एक आतंकी हमला था या कुछ और इस बात की भी जांच की जा रही है.
बुधवार को तीन नकाबपोश बंदूकधारियों ने 'चार्ली एब्दो' के दफ्तर पर हमला किया. इस हमले में पत्रिका के संपादक स्टीफन चारबोनियर समेत कम से कम 12 लोगों की हत्या कर दी गई है, वहीं देर रात एक हमलावर हामिद मोराद ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है. पुलिस ने दो अन्य हमलावर भाइयों की पहचान कर ली है और उनकी तवीरें जारी कर तलाश कर रही है. इस बीच ट्वीटर पर मैगजीन का आखिरी ट्वीट चर्चा का विषय बन गया है.
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दरअसल, यह ट्वीट मैगजीन के पेरिस स्थित दफ्तर पर हुए हमले से कुछ देर पहले किया गया है. अपने आखिरी ट्वीट में चार्ली एब्दो के आधिकारिक ट्विटर हैंडल @Charlie_Hebdo_की तरफ से एक कार्टून शेयर किया, जिसमें चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट के नेता अबु बक्र अल-बगदादी को दिखाया गया है. इस कार्टून के कैप्शन में लिखा है, 'आप सभी को शुभकामनाएं, अल-बगदादी तुम्हें भी'. कार्टून में इसके जवाब में बगदादी को कहते हुए दिखाया गया है, 'और खासकर अच्छी सेहत के लिए'.
Meilleurs vœux, au fait. pic.twitter.com/a2JOhqJZJM
— Charlie Hebdo (@Charlie_Hebdo_) January 7, 2015
क्या उन्हें पता था हमला होगा?
फ्रांसीसी समय के अनुसार यह ट्वीट बुधवार सुबह किया गया था. यानी या तो यह हमले के कुछ देर पहले पोस्ट किया गया या फिर हमले के दौरान ही. ट्वीट के साथ जो कार्टून है वह प्रकाशित नहीं हुआ था, लेकिन यह प्रकाशित हो रहे कार्टूनों की कड़ी से जुड़ा जान पड़ता है. मैगजीन के इस हफ्ते के अंक में एक कार्टून प्रकाशित हुआ था जिसमें कहा गया, 'फ्रांस में हाल में कोई हमला नहीं हुआ है.' इसके साथ कार्टून का एक पगड़ीधारी चरित्र, जिसके पीठ पर क्लाशनिकोव बंदूक है कह रहा है, 'इंतजार करो- शुभकामानाएं देने के लिए हमारे पास जनवरी तक का वक्त है.'
जाहिर है आखिरी ट्वीट और आखिरी अंक में छपे इस कार्टून के बाद यह आशंका गहराने लगी है कि क्या मैगजीन को इस हमले के बारे में पहले से जानकारी थी. हालांकि, मीडिया में एक खबर यह भी आ रही है कि मैगजीन के ट्विटर अकाउंट को हैक कर लिया गया था.
सोशल मीडिया में नाम आने पर किया सरेंडर
दूसरी ओर, बताया जा रहा है कि तीनों आतंकियों में से सबसे छोटे 18 साल के हामिद मोराद ने बुधवार रात करीब 11 बजे खुद को पुलिस के हवाले कर दिया. मोराद ने अपना नाम सोशल मीडिया पर आने के बाद आत्मसमर्पण किया. पुलिस और खुफिया एजेंसियां उससे गहन पूछताछ कर रही हैं. पुलिस ने सभी तीन हमलावरों की पहचान कर ली है. इनमें हामिद मोराद के अलावा एक का नाम कोआची (34) और दूसरे का नाम शेरिफ कोआची (32) है. पुलिस ने दोनों की तस्वीर भी जारी की है. इनमें से एक इससे पहले भी आतंकी वारदातों में नामजद हो चुका है. दोनों भाई बताए जा रहे हैं और पुलिस इनकी तलाश कर रही है. दोनों के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया जा चुका है. दोनों फ्रांस के रहने वाले हैं, जबकि मोराद रीम्स के उत्तर-पूर्वी इलाके का रहने वाला है.
(फरार संदिग्ध आतंकी भाई शेरिफ कोअाची और कोआची)
जानकारी के मुताबिक, शेरिफ कोआची की 2005 में एक आतंकी संगठन से रिश्तों के बाबत गिरफ्तारी हो चुकी है. जेल से छूटने के बाद वह इराक चला गया था और इस्लामी आतंकियों के गुट में शामिल हो गया. बुधवार रात फ्रांस पुलिस के आतंक रोधी दस्ते ने रातभर सर्च ऑपरेशन जारी रखा. बताया जाता है कि हमलावर हर बार गोली चलाने से पहले 'अल्लाह ओ अकबर' का नारा लगा रहे थे.
देखें, वो कार्टून जो बने कत्लेआम का कारण...
बुधवार को पत्रिका दफ्तर पर हुए हमले में 6 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिनका स्थानीय अस्पतालों में इलाज चल रहा है. पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि मरने वालों में 9 पत्रकार और 2 पुलिसकर्मी शामिल हैं.
हमले के बाद सुरक्षा बढ़ी
इस हमले के बाद फ्रांस में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है. आतंकी वारदातों के मद्देनजर दिल्ली में भी भीड़-भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी समेत अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और ब्रिटेन के पीएम डेविड कैमरन ने भी इस बर्बर हमले की कड़ी निंदा की है. दुनियाभर में इस कत्लेआम की कड़ी निंदा हो रही है. मैगजीन के संपादक स्टीफन और अन्य पत्रकारों की ये तस्वीर अब बस याद बनकर रह गई है, जिसे सोशल मीडिया पर भी खूब शेयर किया जा रहा है.
(हमले में मारे गए कार्टूनिस्ट पत्रकार (घड़ी की सूई की दिशा में) ज्यां काबू, टिग्नू, वॉलिसंगी पोसिंग, संपादक स्टीफन चारबोनियर, बर्नार्ड मैरिस और शर्ब
अलकायदा से जुड़े हैं हमलावर!
हमले के दौरान इमारत के अंदर छिपकर जान बचाने वाले कार्टूनिस्ट कोरीन रे उर्फ 'कोको' के मुताबिक, हमलावर सधी हुई फ्रेंच भाषा बोल रहे थे और खुद को अलकायदा का बता रहे थे. उन्होंने बताया, 'हमला पांच मिनट तक चला. उन्होंने वोलिंस्की और काबू को गोली मार दी. मैं एक डेस्क के नीचे छिप गया. वे परफेक्ट फ्रेंच बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि वे अलकायदा से हैं.'
बताया जा रहा है कि हमलावर मैगजीन में छपे पैगंबर मुहम्मद के कार्टून से नाराज थे. पत्रिका काफी समय अपने कथित 'इस्लाम विरोधी' कंटेंट की वजह से कट्टरपंथियों के निशाने पर थी. इसने हाल ही में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के मुखिया अबू बकर अल-बगदादी का कार्टून भी ट्विटर पर शेयर किया गया था. पुलिस ने दावा किया कि घटनास्थल पर हमलावरों ने 'हमने पैगबंर का बदला ले लिया' जैसे नारे लगाए.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हमले की निंदा की
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पेरिस में हुए बर्बर और कायरतापूर्ण आतंकी हमले की निंदा की है. 15 सदस्यीय परिषद ने एक बयान में कहा कि पत्रकारों और एक पत्रिका को निशाना बनाने वाले इस असहनीय हमले की सुरक्षा परिषद के सदस्य कड़ी निंदा करते हैं. परिषद ने हमले के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने पर जोर दिया.
इस तरह किया गया हमला
हमले की जांच से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि ऑटोमैटिक राइफल क्लाशनिकोव और एक रॉकेट लॉन्चर लिए दो लोगों ने मध्य पेरिस स्थित इमारत पर धावा बोल दिया. सूत्र ने बताया कि बंदूकधारियों ने एक कार पर कब्जा किया और एक राहगीर से इसे तेजी से चलाने को कहा.
PM मोदी बोले, 'हम फ्रांस के साथ'
Condemnable & despicable attack in Paris. Our solidarity with people of France. My thoughts are with families of those who lost their lives.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 7, 2015
फ्रांसिसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने इसे 'आतंकी हमला' बताया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि कोई भी बर्बर हमला प्रेस की आजादी को खत्म नहीं कर सकता. हम हमले के खिलाफ एकजुट हैं.' भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हमले की निंदा की और कहा कि भारत फ्रांस के लोगों के साथ है. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी हमले की कड़ी निंदा की.