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चीन में सख्ती, अब विदेशों में भी फैला प्रोटेस्ट, टोक्यो-शिकागो जैसे शहरों में रह रहे चीनी नागरिक भी सड़कों पर उतरे

चीन के प्रदर्शनकारियों के समर्थन में लंदन, पेरिस, टोक्यो और सिडनी सहित यूरोप, एशिया और नॉर्थ अमेरिका के कई बड़े शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं. इन प्रदर्शनों को चीन में सविनय अवज्ञा की अब तक की सबसे बड़ी लहर माना जा रहा है. लोग बड़े पैमाने पर सरकार की जीरो कोविड पॉलिसी का विरोध कर रहे हैं.

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चीन में सरकार विरोधी प्रदर्शन विदेशों तक फैले
चीन में सरकार विरोधी प्रदर्शन विदेशों तक फैले

चीन में जीरो कोविड पॉलिसी के खिलाफ सरकार के विरोध में जनता सड़कों पर उतर आई है. चीन की जनता के समर्थन में अमेरिका और यूरोप के कई शहरों में भी प्रदर्शन हो रहे हैं. लंदन, पेरिस, वॉशिंगटन डीसी, न्यूयॉर्क, टोक्यो और शिकागो जैसे बड़े-बड़े शहरों में चीन सरकार के विरोध में नारेबाजी हो रही है. अमेरिका की कई यूनिवर्सिटीज के छात्र भी इन प्रदर्शनों में डटे हुए हैं और जीरो कोविड पॉलिसी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

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अमेरिका के कोलंबिया, ड्यूक, नॉर्थ कैरोलिना और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया बर्कली के छात्र चीन के प्रदर्शनकारियों का समर्थन कर रहे हैं. बीते शुक्रवार को शुरू हुए इन प्रदर्शनों को चीन में सविनय अवज्ञा की अब तक की सबसे बड़ी लहर माना जा रहा है. चीन के उरूमकी के एक अपार्टमेंट में लगी आग के बाद लोग बड़े पैमाने पर सरकार की जीरो कोविड पॉलिसी का विरोध कर रहे हैं. 

इस घटना के तुरंत बाद लोगों ने लॉकडाउन को जिम्मेदार ठहराना शुरू कर दिया. सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लोगों ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से अपार्टमेंट में फंसे लोगों को बचकर बाहर निकलने में काफी मशक्कत करनी पड़ी, जिस वजह से दस लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. 

हालांकि, उरूमकी प्रशासन ने इस घटना के लिए लॉकडाउन का जिम्मेदार ठहराए जाने से इनकार किया है. बता दें कि उरूमकी में लगभग 40 लाख लोग लॉकडाउन के साए में जीने को मजबूर है. 

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ब्रिटेन में विरोध

चीन से शुरू हुआ यह प्रदर्शन ब्रिटेन तक भी पहुंच गया है. ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवर्ली ने कहा कि चीन सरकार को देश में लगाए गए कोविड प्रतिबंधों के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोगों पर ध्यान देना चाहिए. 

क्लेवर्ली ने कहा कि चीन की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन बिरले ही देखे जाते हैं. और जब ये प्रदर्शन होते हैं  तो मुझे लगता है कि दुनिया को इस ओर ध्यान देना चाहिए. 

उन्होंने कहा, ये चीन के लोगों की आवाजें हैं, जो अपनी सरकार से बात कर रही हैं. मुझे लगता है यह सही समय है कि चीन सरकार अपने लोगों की बातें सुनें. 

अमेरिका में भी सड़कों पर उतरे लोग

चीन के लोगों को इस आंदोलन में अमेरिका का भी पूरा-पूरा साथ मिल रहा है. न्यूयॉर्क सिटी में मंगलवार रात को चीनी कॉन्सुलेट के पास लोग इकट्ठा हुए और चीन सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इस दौरान तानाशाही खत्म करो और फ्री चाइना के बैनर लिए लोग कॉन्सुलेट के बाहर खड़े रहे.

व्हाइट हाउस ने भी बयान जारी कर कहा कि हम बहुत पहले से कहते आ रहे हैं कि अमेरिका और दुनियाभर में हर किसी के पास शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करने का अधिकार है. 

कनाडा में भी चीनी प्रदर्शनकारियों का समर्थन

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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने मंगलवार को चीन के प्रदर्शनकारियों का समर्थन करते हुए कहा कि उनकी आवाज सुनी जानी चाहिए. ट्रूडो ने ओटावा में कहा कि कनाडा के लोग इस पूरी घटना पर नजर बनाए हुए हैं. चीन में हर किसी को खुद की अभिव्यक्ति की अनुमति दी जानी चाहिए. हम यह सुनिश्चित करना चाहेंगे कि चीन को यह पता लग सके कि हम मानवाधिकारों के साथ खड़े हैं. हम उन लोगों के साथ खड़े हैं, जो खुद को अभिव्यक्त कर रहे हैं. 

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