चीन की ओर से भारत में चीनी दूतावास द्वारा प्रकाशित एक मासिक पत्रिका चाइना-इंडिया रिव्यू के जुलाई अंक में कहा गया है कि 15 जून को गलवान में संघर्ष के दौरान शहीद हुए 20 भारतीय सैनिकों के मामले में भारत को पूरी तरह से जांच करानी चाहिए.
पत्रिका ने कहा कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अपने भारतीय समकक्ष विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी इस संबंध में उस समय अनुरोध किया था, जब दोनों नेताओं ने 17 जून को फोन पर बात की थी. बातचीत के दौरान चीन की ओर से 'उल्लंघन करने वालों को पकड़ने' के लिए और 'सीमा पर (भारतीय) सैनिकों को कड़ाई से अनुशासन नहीं करने के लिए संघर्ष के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया गया.'
इसे भी पढ़ें --- चीन का सामना करेंगे या छवि की चिंता में हथियार डाल देंगे मोदी: राहुल
पत्रिका के अनुसार, चीन की ओर से कहा गया कि हम भारतीय पक्ष से आग्रह करते हैं कि वह पूरे मामले की जांच करे, उल्लंघन करने वालों को जवाबदेह ठहराए, सीमा पर रहने वाले सैनिकों को सख्ती से अनुशासित करे और ऐसी घटनाओं को फिर से न होने देने के लिए सभी भड़काऊ कृत्यों को तुरंत बंद करे.
इसे भी पढ़ें --- भारत से रिश्तों पर बोला चीन- शक की निगाह से ना देखें, दोस्त बनकर आगे बढ़ना जरूरी
साथ ही, चीनी दूतावास की ओर से जारी जुलाई अंक में कहा गया, 'हर रिश्तों में हालात ऊपर-नीचे होते रहते हैं, हाल ही में सीमा पर जो विवाद हुआ उसके कारण भारत और चीन को अपने रिश्ते खराब नहीं करने चाहिए. साथ ही दोनों देशों के प्रमुखों ने जो विजन रखा है, उस पर आगे बढ़ना चाहिए.'
कोरोना संकट के बीच मई में विवाद के बाद जून में दोनों देशों की सेनाओं के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प हो गई थी, जिसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे. इस घटना के बाद से दोनों देशों में तनाव बढ़ गया, हजारों की संख्या में सैनिक बॉर्डर पर तैनात कर दिए गए.