पाकिस्तान में बैठे जैश ए मोहम्मद के सरगना और पठानकोट आतंकी हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की तरफ से वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने की अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन की कोशिश में चीन ने एक बार फिर अड़ंगा डाल दिया. बीजिंग ने कहा है कि कोई आमराय नहीं बन पाने के चलते उसने इस कदम को खारिज किया है.
वहीं चीन के इस कदम भारत ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है और कहा कि संकुचित मकसद के लिए आतंकवाद को शह देना कम दूर दृष्टि वाला कदम और नुकसानदेह है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने चीन का नाम लिए बगैर सख्त शब्दों वाले एक बयान में कहा कि हम इस बात को लेकर बहुत निराश हैं कि एक बार फिर से एक देश ने मसूद अजहर को एक वैश्विक आतंकवादी नामित करने के विषय पर अंतरराष्ट्रीय आमराय को बाधित कर दिया.
उन्होंने कहा कि भारत का यह पुरजोर मानना है कि दोहरा मानदंड और चयनात्मक रुख आतंकवाद से लड़ने की अंतरराष्ट्रीय समुदाय के संकल्प को सिर्फ कमतर ही करेगा. उन्होंने कहा, 'हम सिर्फ यह आशा कर सकते हैं कि यह महसूस किया जाए कि संकुचित उद्देश्यों के लिए आतंकवाद को शह देना कम दूर दृष्टि भरा कदम और नुकसानदेह, दोनों है.'
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो पॉवर रखने वाला और परिषद के स्थायी सदस्य चीन ने जैश ए मोहम्मद (जेईएम) प्रमुख को प्रतिबंधित करने के भारत के कदम को बार-बार बाधित किया है. हालांकि, जेईएम पहले से ही संयुक्त राष्ट्र की सूची में प्रतिबंधित है. दरअसल, अजहर पर सुरक्षा परिषद की अलकायदा प्रतिबंध कमेटी के तहत प्रतिबंध लगाने की ये कोशिशें की जा रही हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने चीनी विदेश मंत्रालय में मौजूद सूत्रों के हवाले से बताया, ‘चीन ने इस कदम को खारिज कर दिया, क्योंकि आमराय नहीं है.’ चीन की इस टिप्पणी में संकेत मिलता है कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में अर्जी को वीटो करेगा, ताकि यह निष्प्रभावी हो जाए. यह लगातार दूसरा साल है जब चीन ने प्रस्ताव को बाधित किया है. पिछले साल चीन ने इसी कमेटी के समक्ष भारत की अर्जी रोकने के लिए यही काम किया था.
इससे पहले, चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुया चुनयिंग ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा था, ‘हमने एक तकनीकी रोक लगाई ताकि कमेटी को और ज्यादा वक्त मिल सके और इसके सदस्य इस विषय पर चर्चा कर सकें. लेकिन इस मुद्दे पर अब तक आमराय नहीं बनी है.’
चीन की तरफ से लगातार लगाई जा रही तकनीकी रोक का बचाव करते हुए हुआ ने कहा, ‘हम कमेटी के आदेश और इसकी नियमावली का पालन करना जारी रखेंगे तथा कमेटी के सदस्यों के साथ लगातार संचार एवं समन्वय रखेंगे.’
चीन ने अजहर को एक वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने की भारत की कोशिशों में पिछले दो साल से अड़ंगा डालता रहा है. पिछले साल मार्च में चीन 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में एक मात्र ऐसा देश था, जिसने भारत की अर्जी को बाधित किया था. वहीं, परिषद के 14 सदस्य देशों ने अजहर को प्रतिबंधित करने के भारत के कदम का समर्थन किया था.