scorecardresearch
 

'न दोस्ताना विदेश नीति, न आर्थिक मोर्चे की जंग में राहत', बाइडेन प्रशासन को लेकर टेंशन में चीन

चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे लेख के मुताबिक चीनी एक्सपर्ट फिलहाल दोनों देशों के बीच के रिश्ते को लेकर सतर्क हैं.  उनके मुताबिक व्यापार और अन्य मुद्दों को लेकर नए अमेरिकी प्रशासन की तरफ से भी कठोर बयानबाजी जारी रहेगी.

Advertisement
X
अमेरिका के साथ रिश्तों को लेकर चीनी एक्सपर्ट सतर्क (फोटो- पीटीआई)
अमेरिका के साथ रिश्तों को लेकर चीनी एक्सपर्ट सतर्क (फोटो- पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अमेरिका के साथ रिश्तों को लेकर चीनी एक्सपर्ट सतर्क
  • अमेरिका के बयान पर चीन की पैनी निगाह
  • चीन को नए प्रशासन से सहयोग की खास उम्मीद नहीं

जो बाइडेन ने बुधवार को अमेरिका के 46 वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली. वहीं भारतीय मूल की कमला हैरिस ने पहली अमेरिकी महिला उपराष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली. डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता से बेदखल होते ही अब कई देशों के साथ रिश्ते बदलने के भी कयास लगाए जाने लगे हैं. हालांकि चीन के कई विशेषज्ञों का मानना है कि बाइडेन के आने के बाद भी चीन और अमेरिका के बीच के रिश्तों में कोई बहुत बड़ा बदलाव नहीं होने जा रहा है. 

Advertisement

चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे लेख के मुताबिक चीनी एक्सपर्ट फिलहाल दोनों देशों के बीच के रिश्ते को लेकर सतर्क हैं.  उनके मुताबिक व्यापार और अन्य मुद्दों को लेकर नए अमेरिकी प्रशासन की तरफ से भी कठोर बयानबाजी जारी रहेगी. लेकिन कुछ खास व्यापार के मामलों में चीन में ट्रंप प्रशासन से पहले के सामान्य हालात बहाल हो सकते हैं. 

चीनी विशेषज्ञों की यह राय जो बाइडेन द्वारा नामित मंत्रालयों के प्रमुख के बयान के बाद आया है. अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी के तौर पर नामित जेनेट येलेन ने कहा है कि जो बाइडेन का आने वाला प्रशासन अमेरिकी अर्थव्यवस्था को कमजोर करने वाली 'चीन की अपमानजनक अनुचित और अवैध प्रथाओं' के खिलाफ मौजूद सभी विकल्पों का इस्तेमाल करेंगे.

उन्होंने आगे कहा, चीन, अमेरिकी कंपनियों की कीमतें गिरा रहा है, जिसमें अवैध सब्सिडी, उत्पादों की डंपिंग, बौद्धिक संपदा की चोरी और अमेरिकी सामानों के लिए बाधाएं उत्पन्न करना शामिल है.

Advertisement

देखें: आजतक LIVE TV

वहीं अमेरिका के रक्षा मंत्री के तौर पर नामित लॉयड ऑस्टिन ने कहा है कि चीन पहले ही क्षेत्रीय प्रभुत्वकारी ताकत है और मेरा मानना है कि उनका अब लक्ष्य नियंत्रणकारी विश्व शक्ति बनने का है. वह हमसे विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए काम कर रहे हैं और उनके प्रयास नाकाम करने के लिए पूरी सरकार को एक साथ मिल कर विश्वसनीय तरीके से काम करने की जरूरत होगी.

ऑस्टिन ने कहा, 'हम चीन या किसी भी आक्रामक के समक्ष पुख्ता प्रतिरोधी क्षमता पेश करना जारी रखेंगे. उन्हें बताएंगे कि आक्रामकता सचमुच एक बुरा विचार है. चीन के बारे में ऑस्टिन ने कहा कि चीन मौजूदा समय में प्रभावी खतरा है क्योंकि वह उभार पर है जबकि रूस खतरा है लेकिन वह उतार पर है. 

उधर, अमेरिका के भावी विदेश मंत्री एंथोनी ब्लिंकेन ने चीन को अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे के तौर पर पहचान करते और चिंता व्यक्त की. ब्लिंकेन ने कहा कि अमेरिका को इस चुनौती का सामना 'मजबूती की स्थिति से करना चाहिए न कि कमजोरी की स्थिति से.' 

सीनेट की विदेश मामलों की समिति में अपनी नियुक्ति की पुष्टि के लिए हुई सुनवाई में ब्लिंकेन ने कहा, 'जब हम चीन को देखते हैं तो इसमें कोई शक नहीं है कि एक राष्ट्र के तौर पर वह हमारे हितों, अमेरिकी लोगों के हितों के लिए सबसे अधिक चुनौती पेश कर रहा है.'

Advertisement

उन्होंने कहा, 'कुल मिला कर मौजूदा संबंधों में प्रतिकूल परिस्थितियां बढ़ रही है. वह प्रतिस्पर्धी है, लेकिन जब हमारे आपसी हित की बात आती है तो अब भी कुछ सहयोग के बिंदु हैं. ऐसे समय में जब हम विचार कर रहे हैं कि चीन का सामना कैसे करें और मेरा मानना है कि यह समिति के कार्यों में प्रतिबिंबित होता है, हमें चीन का सामना मजबूती की स्थिति से करना है ना कि कमजोरी की स्थिति से.'

Live TV

 

Advertisement
Advertisement