चीन ने समुद्र, साइबर और अंतरिक्ष की क्षमताओं पर ध्यान केन्द्रित करते हुए 23 लाख सैनिकों वाली दुनिया की अपनी सबसे बड़ी सेना ‘जनमुक्ति सेना’ (पीएलए) के नेतृत्व में ‘बड़े पैमाने पर फेरबदल’ किए हैं.
सरकारी ‘बीजिंग न्यूज’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार जनमुक्ति सेना के इस पुनर्गठन के क्रम में शक्तिशाली केन्द्रीय सैन्य आयोग के 22 पद शामिल हैं. यह फेरबदल दशक में एक बार होने वाले चीन के राजनीतिक नेतृत्व परिवर्तन के लिए आयोजित महासम्मेलन के बाद अंजाम पाया है.
नेतृत्व परिवर्तन के इस क्रम में शी शिनफिंग ने सत्तारूढ़ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और सेना दोनों के मुखिया बने हैं. निवर्तमान चीनी राष्ट्रपति हू जिनताओ सैन्य आयोग के अध्यक्ष थे. शी ने उनकी जगह ली है. सेना को चुस्त दुरुस्त करने के इस काम में सैन्य मुख्यालय, सात सैन्य क्षेत्र और तीन सैन्य शाखाएं शामिल हैं.
सैन्य नेतृत्व में यह बड़ा फेरबदल समुद्र, साइबर और अंतरिक्ष की क्षमताओं पर देश का बदलता सैन्य केन्द्रिकरण को पूरा करता है और जनमुक्ति सेना की मशीनरी एवं सूचना ढांचा पर पार्टी की 18वीं कांग्रेस में पेश हू की रिपोर्ट के अनुरूप है. एक सप्ताह तक चली पार्टी कांग्रेस का समापन 14 नवंबर को हुआ.
अपनी रिपोर्ट में हू ने कहा कि चीन अपनी सेना के आधुनिकीकरण की रफ्तार तेज करेगा. वह व्यापक आईटी अनुप्रयोगों के साथ अपने बलों की समेकित युद्धक क्षमता में इजाफा करेगा और खुद को एक समुद्री शक्ति में तब्दील करेगा.
उन्होंने वस्तुत: दक्षिण चीन सागर में नौवहन मुद्दे और पूर्वी चीन सागर में द्वीपों पर जापान के साथ विवाद का जिक्र करते हुए कहा, ‘हमें सामुद्रिक संसाधनों का दोहन करने के लिए अपनी क्षमता बढ़ानी चाहिए, चीन के नौवहन अधिकारों की दृढ़तापूर्वक रक्षा करनी चाहिए और चीन को एक नौवहन शक्ति में तब्दील करना चाहिए.’
जिन जनरलों को पदोन्नत किया गया उनमें चिनान सैन्य क्षेत्र के कमांडर फान चांगलोंग और पीएलए वायुसेना के कमांडर शू छिलियांग शामिल हैं. उन्हें केन्द्रीय सैन्य आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है. जनरल फांग फेंगहुइ को जनरल स्टाफ विभाग के कमांडर पद, झांग यांग को जनरल पालिटिकल विभाग, झाओ केशी को जनरल लॉजिस्टिक्स विभाग और झांग योशिया को जनरल आर्मामेंट विभाग के प्रमुख का पद सौंपा गया है.