पनामा कनाल को लेकर अब अमेरिका और चीन उलझ पड़े हैं. अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ के बयान के बाद विवाद और गहरा गया है. वह पनामा में थे जहां उन्होंने अमेरिकी फंड से बनाए गए एक डॉक का उद्घाटन किया, और जोर देकर कहा, "मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं, चीन ने इस नहर का निर्माण नहीं किया, चीन इस नहर का संचालन नहीं करता, और चीन इस नहर का इस्तेमाल हथियार के रूप में नहीं करेगा."
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के मंत्री पीट हेगसेथ ने पानामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो से मुलाकात के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हम एक साथ चीन के प्रभाव से पानामा नहर को वापस लेंगे और यह काम अन्य सक्षम और समान विचारधारा वाले सहयोगियों और साझेदारों के साथ मिलकर करेंगे."
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"चीन ने अमेरिका पर लगाए ब्लैकमेल करने के आरोप
अमेरिकी नेता के बयान के बाद पनामा स्थित चीनी दूतावास ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और ट्रंप प्रशासन की मंशा की आलोचना की. चीन ने एक बयान में अमेरिका पर "ब्लैकमेल" का आरोप लगाया और कहा कि पानामा किसके साथ व्यापार करता है यह उसका अपना अधिकार है, और अमेरिका का इसमें दखल देना ठीक नहीं है.
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चीन का कहना है, "अमेरिका ने काल्पनिक चीनी खतरे को लेकर एक सनसनीखेज अभियान चलाया है, और उसका ऐसा करने का मकसद चीनी-पनामियन सहयोग को बिगाड़ना है. यह सब अमेरिका के अपने भू-राजनीतिक हितों में निहित है."
ट्रंप दे चुका हैं कब्जा करने की धमकी
अमेरिकी रक्षा सचिव का बयान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस मंशा का हिस्सा है, जिसके तहत वह इस कनाल पर कब्जा जमाना चाहते हैं. ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि अमेरिका को "आर्थिक सुरक्षा" के लिए पनामा नहर की जरूरत है. वह खुलेआम धमकी दे चुके हैं कि अमेरिका कनाल को अपने नियंत्रण में ले लेगा. ट्रंप आरोप लगाते रहे हैं कि पनामा कनाल पर अमेरिका को ज्यादा चार्ज का भुगतान करना पड़ता है और इसके आपरेशन पर चीन का कंट्रोल है - और इन आरोपों को पनामा खारिज कर चुका है.