चीन ने इंटरपोल के चीफ रहे मेंग हॉन्गवेई को हिरासत में ले लिया है. वे 29 सितंबर से लापता थे. चीन के जन सुरक्षा मंत्रालय ने उन पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है. चीन की एंटी करप्शन यूनिट ने वेबसाइट पर जारी बयान में कहा है, "पब्लिक सिक्युरिटी मंत्रालय में डिप्टी मिनिस्टर मेंग हॉन्गवेई इस वक्त हमारे कब्जे में हैं, उनसे नेशनल सुपरवाइजरी कमिशन फॉर सस्पेक्टेड वायलेशंस ऑफ लॉ पूछताछ कर रही है.''
चीन के जन सुरक्षा मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि रविवार को इस्तीफा दे चुके मेंग हॉन्गवेई ने घूस ली थी और उन्हें कानून का उल्लंघन करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है.
हिरासत से पहले दिया इस्तीफा
बता दें कि चीनी एजेंसियों के हिरासत में आने से पहले ही मेंग हॉन्गवेई ने फ्रांस के लियोन शहर में स्थित इंटरपोल मुख्यालय को अपना इस्तीफा भेज दिया था. इंटरपोल ने 7 अक्टूबर को किये एक ट्वीट में कहा है कि इंटरपोल सचिवालय ने तत्काल प्रभाव से उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.
इंटरपोल ने इस वक्त दक्षिण कोरिया के किम जोंग यांग को अपना कार्यवाहक प्रमुख घोषित किया है. नये पूर्णकालिक इंटरपोल चीफ की नियुक्ति नवंबर महीने में होगी. 18 से 21 नवंबर के बीच दुबई में इंटरपोल की कार्यकारी समिति की बैठक होने वाली है, यही पर नये अध्यक्ष का चुनाव होगा.
Statement by the INTERPOL General Secretariat on the resignation of
Meng Hongwei. pic.twitter.com/c2daKd9N39
— INTERPOL (@INTERPOL_HQ) October 7, 2018
करप्शन का आरोप
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने एक आधिकारिक बयान में बताया था कि चीन का राष्ट्रीय पर्यवेक्षण आयोग कानून के उल्लंघन के संदेह को लेकर 64 साल के मेंग के खिलाफ जांच कर रहा है.
चाकू की तस्वीर का कनेक्शन
मेंग की पत्नी ने लियोन शहर में कहा था कि उन्हें लगातार सोशल मीडिया पर धमकियां मिल रही थीं, उन्होंने पुलिस को बताया कि अपने पति से आखिरी बार संपर्क एक व्हाट्सएप मैसेज के जरिये हुआ था, इस मैसेज में एक चाकू की तस्वीर थी और लिखा था कि मेरे कॉल का इंतजार करो.
बता दें कि इंटरपोल दुनिया के कई देशों की पुलिस एजेंसियों का एक सगंठन है. जो विश्व में कानून-व्यवस्था कायम करने में मदद करता है. मेंग हॉन्गवेई को दो साल पहले इंटरपोल चीफ चुनाव गया था. मेंग हॉन्गवेई के गायब होने की शिकायत उनकी पत्नी ने फ्रांस पुलिस में दर्ज करवाई थी. जांच के सिलसिले में फ्रांस की पुलिस ने चीन से जानकारी मांगी, इसके बाद चीनी एजेंसियों ने अपने इस कदम की जानकारी दुनिया को दी.