चीन ने तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर तीन और बांधों के निर्माण को मंजूरी दी है और भारत को इस बारे में सूचित नहीं किया गया है. भारतीय अधिकारियों ने बताया कि चीन की कैबिनेट ने हाल ही में इससे जुड़े दस्तावेज को मंजूरी दी.
इसमें कहा गया है कि ब्रह्मपुत्र नदी पर दागू, जियाचा और जिएक्सू में तीन बांधों का निर्माण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि दस्तावेज में उल्लिखित परियोजनाओं को चीन की 12वीं पंचवर्षीय योजना में पूरा किया जाना है. तीनों बांधों के संदर्भ में निर्माण संबंधी कोई विवरण नहीं दिया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि भारत को इस कदम के बारे में अब तक नहीं सूचित नहीं किया गया है. बांधों के निर्माण की योजना के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग ली ने संवाददाताओं से कहा, ‘सीमा पार नदियों पर विकास को लेकर चीन ने हमेशा से जिम्मेदार रुख अपनाया है.’
उन्होंने कहा, ‘किसी भी नयी परियोजना पर वैज्ञानिक योजना के तहत और नदी की धारा के निचले एवं ऊपरी इलाकों के देशों के हितों को ध्यान में रखकर अध्ययन किया जाता है.’ चीन में ब्रह्मपुत्र नदी को यारलंग जांगबो के नाम से जाना जाता है. यह पूछे जाने पर कि बांधों के निर्माण को मंजूरी दी गई है अथवा भारत एवं बांग्लादेश को इस बारे में सूचित किया गया है तो होंग ने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी लेने की जरूरत है.
चीन की ओर से यह फैसला उस वक्त किया गया है जब भारत-चीन संबंधों में सुधार देखने को मिला है और दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच कई दौर की बातचीत हुई है.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन और उनके चीन के समकक्ष दाई बिंगुओ के बीच वार्ता में सीमा पार नदियों के जल के संदर्भ में चर्चा की गई, लेकिन ऐसा लगता है कि चीन ने बांधों के निर्माण की अपनी इस योजना के बारे में सूचित नहीं किया. बांधों के निर्माण के मुद्दे पर भारत चिंता जताता रहा है. बीते साल मार्च में तत्कालीन विदेश मंत्री एस एम कृष्णा के चीन दौरे के समय भी यह मुद्दा उठा था.