scorecardresearch
 

'दूसरे देशों की जमीन का लालच...', बोले चीन के पूर्व अधिकारी, भारत-नेपाल रिश्तों पर क्या कहा?

भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर चीन के एक पूर्व अधिकारी ने कहा है कि उनका देश दूसरे देशों की एक इंच जमीन भी नहीं चाहता. उन्होंने कहा है कि चीन के पास पर्याप्त जमीन है और वो अपनी जमीन का एक इंच भी किसी अन्य देश के लिए नहीं छोड़ेगा. पूर्व अधिकारी ने भारत- नेपाल रिश्तों पर भी टिप्पणी की है.

Advertisement
X
चीन और भारत के बीच सीमा विवाद एक बड़ा मुद्दा रहा है (Photo- AP)
चीन और भारत के बीच सीमा विवाद एक बड़ा मुद्दा रहा है (Photo- AP)

चीन के एक पूर्व अधिकारी ने कहा है कि उनका देश भारत के साथ सीमा विवाद का समाधान चाहता है. चीन के नेशनल एकेडमी ऑफ बेल्ट एंड रोड ग्रीन डेवलपमेंट (NABGD) के पूर्व उप महासचिव वांग पेंग का कहना है कि पड़ोसी देशों की जमीन को लेकर चीन में कोई महत्वाकांक्षा नहीं है और चीन दूसरे देशों की जमीन का एक इंच भी नहीं लेना चाहता. पेंग ने कहा कि इसके साथ ही चीन अपनी एक भी इंच जमीन दूसरे देशों को नहीं देगा.

Advertisement

'द काठमांडू पोस्ट' से एक बातचीत के दौरान वांग पेंग ने कहा, 'हमें संघर्ष में नहीं उलझना चाहिए. हम भारत के साथ सीमा विवाद का समाधान और सुलह चाहते हैं. नेपाल समेत पड़ोसी देशों के साथ हमारा कोई सीमा विवाद है नहीं. भारत और भूटान के अलावा चीन का किसी और पड़ोसी देश के साथ सीमा विवाद नहीं है.'

वांग पेंग ने आगे कहा कि भूटान-चीन सीमा विवाद सुलझाने को लेकर एक समझौता रुका हुआ है क्योंकि भूटान भारत की अनुमति का इंतजार कर रहा है. पेंग ने भारत पर कटाक्ष करते हुए कहा, 'भूटान चीन के साथ एक सीमा समझौता करना चाहता है लेकिन वो भारत की अनुमति का इंतजार कर रहा है. चीन उस पर कोई दबाव नहीं डालेगा. हम दूसरे देशों के घरेलू मामलों पर चुप रहते हैं. कभी-कभी पड़ोसी देशों के फैसले चीन के हित में नहीं होते लेकिन चीन शांत रहता है और स्थिति में सुधार का इंतजार करता है.'

Advertisement

'हमें दूसरे देशों की जमीन की लालसा नहीं'

चीन अकसर भारत के अरुणाचल प्रदेश के कई इलाकों को अपना हिस्सा बताता है. लद्दाख क्षेत्र में भी चीनी घुसपैठ की खबरें आती रही हैं. लेकिन वांग पेंग का कहना है कि चीन दूसरे देशों की जमीन पर नजर नहीं रखता है.

उन्होंने कहा, 'पड़ोसी देशों की जमीन की हमें कोई लालसा नहीं है, हमारे पास पर्याप्त जमीन है. लेकिन फिर भी दक्षिण चीन सागर में विवाद चलता रहा है. हम दूसरे देशों की जमीन का एक इंच भी नहीं चाहते हैं. साथ ही, अपनी जमीन का एक इंच भी न देने को लेकर हम दृढ़ प्रतिज्ञ हैं.'

भारत के साथ रिश्तों पर भी बोले पेंग

वांग पेंग ने कहा कि भारत और चीन के रिश्तों में सुधार आ रहा है जो कि अच्छी शुरुआत है. उन्होंने आगे कहा, 'चीन और भारत पुरानी सभ्यताएं हैं. हम इतने काबिल हैं कि साथ मिलकर अपनी समस्याओं को सुलझा सकें. इसमें हमें किसी तीसरे देश की जरूरत नहीं है. हम भाई हैं, अगर कोई समस्या होगी, तो हम मिलकर सुलझा लेंगे.'

पेंग ने कहा कि चीन और भारत के बीच की समस्याओं को खत्म करने का सबसे बेहतर तरीका है, 'आपसी राजनीतिक विश्वास कायम करना, सुरक्षा से जुड़े मुद्दे सुलझाना और व्यापार साझेदारी बढ़ाना' जो कि हो भी रहा है.

Advertisement

नेपाल-भारत रिश्तों पर क्या बोले चीनी अधिकारी

भारत और नेपाल के करीबी रिश्तों को लेकर चीन हमेशा से असहज रहा है. नेपाली लोकतंत्र के इतिहास में जितने भी प्रधानमंत्री हुए हैं, उनमें से लगभग सभी ने अपने पहले विदेश दौरे के लिए भारत को चुना है. लेकिन नेपाल के नए प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने इस परंपरा को तोड़ते हुए अपने पहले विदेश दौरे में चीन जाना चुना है.

ओली की चीन यात्रा 2 दिसंबर से शुरू हुई जो 5 दिसंबर तक चलेगी. इससे पहले केवल एक नेपाली प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड साल 2008 में अपने पहले विदेश दौरे में भारत के बजाए चीन गए थे. 

भारत-नेपाल रिश्तों को लेकर वांग पेंग ने कहा, 'भारत-नेपाल रिश्तों को लेकर चीन को कभी जलन नहीं हुई. हम भारत-नेपाल रिश्तों में कभी आड़े नहीं आएंगे. हम जानते हैं कि आप दोस्त हैं लेकिन इस दोस्ती को समावेशी होना चाहिए.'

Live TV

Advertisement
Advertisement