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चीन में इंश्योरेंस कंपनी ने किया फर्जीवाड़ा तो सरकार ने चलाया ऐसा हंटर

दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले मुल्क चीन में भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई ढिलाई नहीं बरती जा रही है. भ्रष्टाचार के मामले सामने आते ही कार्रवाई की जा रही है. वहां पर भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को देश से भागने का मौका ही नहीं दिया जाता है.

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स्रोतः ग्लोबल टाइम्स
स्रोतः ग्लोबल टाइम्स

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दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले मुल्क चीन में भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई ढिलाई नहीं बरती जा रही है, जिसके चलते भ्रष्टाचारियों के हौसले पस्त हुए हैं. वहां पर भ्रष्टाचार के मामले सामने आते ही कार्रवाई की जाती है और भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को देश से भागने का मौका ही नहीं मिलता है. यही वजह है कि पिछले कुछ सालों में चीन में भ्रष्टाचार काफी हद तक कम भी हुआ है.

नीरव मोदी के बाद चीन में एक इंश्योरेंस कंपनी में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया, तो वहां की सरकार तुरंत हरकत में आई और बड़ी कार्रवाई की. चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स  के मुताबिक चीन में भ्रष्टाचार का मामला सामने आने के बाद अनबांग इंश्योरेंस ग्रुप के पूर्व CEO व्यू शिआयोहुई को आरोपी बनाया गया है. साथ ही चाइना इंश्योरेंस रेगुलेटरी कमीशन ग्रुप के कारोबार को भी एक साल के लिए पूरी तरह अपने हाथ में लेने जा रही है. इससे आरोपियों के पैसा विदेश भेजने और भागने के रास्ते भी बंद हो जाएंगे और आरोपी के लिए सजा से बचना भी संभव नहीं है.

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जहां एक ओर भारत में करीब साढ़े 11 हजार करोड़ रुपये के घोटाले को अंजाम देने के बाद नीरव मोदी और मेहुच चोकसी जैसे आरोपी फरार हो जाते हैं, तो वहीं चीन में भ्रष्टाचार के आरोपियों के लिए बचकर भागना आसान नहीं होता है. वहां भ्रष्टाचार के मामले में फंसने के बाद सीधे जेल भेज दिया जाता है. चीन की सरकार की चौकसी और सख्ती के चलते आरोपियों के लिए भ्रष्टाचार मामले में सजा से भी बचना संभव नहीं हैं. यह कारण है कि हाल के दिनों में चीन ने भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई करके इस पर काफी हद तक काबू भी पाया है.

वहीं, भारत में विजय माल्या, ललित मोदी और फिर नीरव मोदी जैसे भ्रष्टाचारी घोटाला करते हैं और विदेश निकल जाते हैं. दिलचस्प बात यह है कि भारत में भ्रष्टाचार को लेकर सरकारें भी बदल गईं, लेकिन यहां पर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ दिखावा होता है. इसकी वजह से भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद हैं.

साल 2012 में चीन की सत्ता संभालने के बाद राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भ्रष्टाचार के खिलाफ व्यापक स्तर पर अभियान शुरू किया था. उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस की नीति अपनाई. पिछले छह सालों में उनकी सरकार ने भ्रष्टाचार में शामिल रहे कई अधिकारियों और नेताओं को जेल भेजा. इसमें से ज्यादातर अधिकारी आज भी चीन की जेल में हवा खा रहे हैं. इससे पहले चीन में भ्रष्टाचार काफी ज्यादा था, लेकिन शी जिनपिंग की सख्ती के बाद से इसमें काफी कमी आई है. भ्रष्टाचार इंडेक्स में भी चीन की रैंकिंग में सुधार हुआ है.

 

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