चीन के पूर्व प्रधानमंत्री ली केकियांग का पिछले दिनों दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. अब सरकार ने आदेश जारी कर चीनी विश्वविद्यालयों को पूर्व पीएम की याद में किसी तरह की शोकसभा नहीं करने को कहा है.
बता दें कि ली केकियांग का 27 अक्टूबर को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. वह 68 वर्ष के थे.
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ चीनी विश्वविद्यालयों से कहा गया है कि ली केकियांग के लिए निजी तौर पर किसी तरह की शोकसभा का आयोजन नहीं करें. सरकार ने यह फैसला हिंसा भड़कने से रोकने के मद्देनजर लिया है. इसकी जिम्मेदारी छात्र नेताओं को दी गई है.
बीजिंग की एक यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट काउंसिलर ने बताया कि ऐसा नहीं है कि हम ली केकियांग को याद नहीं करेंगे, लेकिन हमें राष्ट्रीय शोक की घोषणा का इंतजार करना चाहिए.
तियानमेन स्क्वायर की घटना से सबक!
काउंसिलर ने बताया कि हम नहीं चाहते की छात्र पूर्व पीएम के लिए शोकसभा का आयोजन करें. इससे एक बड़ा प्रभावित हो सकता है जिससे अशांति पैदा हो सकती है, जैसा 33 साल पहले हुआ था.
दरअसल, 1989 में कम्युनिस्ट पार्टी के नेता हू याओबांग के निधन के बाद बीजिंग के तियानमेन चौक पर विरोध प्रदर्शन हो गया था. उस प्रदर्शन में कथित तौर पर हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी छात्रों की मौत हो गई थी. कहा जा रहा है कि इसी घटना को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह फरमान जारी किया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ली केकियांग की अचानक मौत से चीनी सरकार को बड़ा धक्का लगा है. सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने भी शुक्रवार को सिर्फ एक लाइन में ही पूर्व पीएम की मौत की जानकारी दी थी.
पार्टी में दूसरे नंबर के कद्दावर नेता थे केकियांग
ली केकियांग 2013 से 2023 तक चीन के प्रधानमंत्री पद पर रह चुके हैं. वह 2012 से 2022 तक सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के दूसरे सबसे शक्तिशाली सदस्य थे. ली का जन्म 1955 में अन्हुई प्रांत के हेफेई में हुआ था. उनका विवाह अंग्रेजी भाषा और साहित्य की प्रोफेसर रह चुकीं चेंग हॉन्ग से हुई थी.
चीन की प्रतिष्ठित पेकिंग यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर चुके ली को एक समय पर पार्टी नेतृत्व के दावेदार के तौर पर देखा जा रहा था लेकिन कहा जाता है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उन्हें दरकिनार करना शुरू कर दिया था.
चीन के सरकारी टीवी चैनल सीसीटीवी ने बताया कि ली केकियांग पिछले कुछ समय से शंघाई में छुट्टियां मना रहे थे. उन्हें 26 अक्टूबर को अचानक दिल का दौरा पड़ा. उन्हें बचाने का हरसंभव प्रयास किया गया लेकिन 27 अक्टूबर को उनका निधन हो गया.