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कोरोना: टेस्टिंग के लिए मारामारी, क्वारनटीन की जगह नहीं, बची 3 दिन की मेडिकल सप्लाई, चीन में फिर बिगड़े हालत

पिछले 10 हफ्तों में चीन में 14000 से अधिक केस सामने आए हैं. माना जा रहा है कि ओमिक्रॉन के चलते केस तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में चीन को कई शहरों में लॉकडाउन लगाना पड़ा है. आशंका जताई जा रही है कि चीन की अर्थव्यवस्था पर भी इसका असर पड़ सकता है.

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चीन में 2020 के बाद से कोरोना के सबसे ज्यादा केस मिले.
चीन में 2020 के बाद से कोरोना के सबसे ज्यादा केस मिले.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • चीन में कोरोना से बिगड़ती जा रही स्थिति
  • कई हिस्सों में हो रही मेडिकल संसाधनों की कमी

चीन में कोरोना से हालात फिर बिगड़ते जा रहे हैं. यहां 2020 के बाद से सबसे बुरी स्थिति बताई जा रही है. लगातार केस बढ़ने के चलते चीन के कई हिस्सों में मेडिकल संसाधनों की कमी महसूस की जा रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले हफ्तों में चीन की स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव और बढ़ सकता है. 

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पिछले 10 हफ्तों में चीन में 14000 से अधिक केस सामने आए हैं. माना जा रहा है कि ओमिक्रॉन के चलते केस तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में चीन को कई शहरों में लॉकडाउन लगाना पड़ा है. आशंका जताई जा रही है कि चीन की अर्थव्यवस्था पर भी इसका असर पड़ सकता है.  

शेनजेन में टेस्ट के लिए लगी लंबी लाइन

टेस्ट के लिए हो रही मारामारी

चीन के कुछ हिस्से में पहले से ही संकट का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल यहां लोगों को टेस्ट के लिए मारामारी से जूझना पड़ रहा है. इतना ही नहीं चीन की सख्त 'जीरो कोविड पॉलिसी' के तहत लोगों को क्वारंटीन किया जा रहा है. चीन में कोरोना से सबसे प्रभावित जिलिन में अस्पतालों में क्वारंटीन करने के लिए जगह कम पड़ गई है. ऐसे में लोगों को क्वारंटीन करने के लिए अस्थाई अस्पताल बनाए जा रहे हैं. एक स्थानीय अधिकारी ने बताया कि यहां कोरोना को रोकने के लिए उपलब्ध मेडिकल सप्लाई सिर्फ 2-3 दिन की बची है. 

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ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में एपिडेमियोलॉजी के प्रोफेसर चेन झेंगमिन ने कहा, अगले दो हफ्ते यह निर्धारित करने के लिए अहम हैं कि प्रतिबंध समेत उठाए जा रहे मौजूदा कदम क्या संक्रमण रोकने के लिए काफी हैं. क्या पिछले साल की तरह इस बार भी इन कदमों के बाद शहर में केस कम हो सकते हैं. 

लोगों को क्वारंटीन करने के लिए अस्थाई अस्पताल बनाए गए हैं.

चीन में सभी बुजुर्गों को नहीं लगी बूस्टर डोज
 
चीन कोरोना के खिलाफ जीरो कोविड पॉलिसी' अपनाता है. इसमें संक्रमितों की पहचान की जाती है, फिर उन्हें क्वारंटीन किया जाता है. चीन में करीब 90% आबादी को कोरोना वैक्सीन लग चुकी है. हालांकि, चीनी विशेषज्ञों का दावा है कि पर्याप्त बुजुर्गों को बूस्टर नहीं लगे हैं, जिससे संक्रमण और मौत का खतरा बना हुआ है. अभी यह भी साफ नहीं है कि चीनी वैक्सीन ओमिक्रॉन को रोकने में कितनी कारगर है.

कैद में रहने को मजबूर लाखों लोग

चीन में कई शहरों में लॉकडाउन के चलते लोग घरों में कैद रहने को मजबूर हैं. 1.7 करोड़ आबादी वाले शेनजेन में लोगों से कहा गया है कि घर का सिर्फ एक सदस्य दो या तीन में एक बार घर से जरूरी सामान लेने के लिए बाहर जा सकता है. शेनजेन के लोगों ने इन प्रतिबंधों पर सवाल उठाए हैं. शेनजेन के रहने वाले पीटर कहते हैं कि यह ओमिक्रॉन से निपटने का सही तरीका नहीं है. उन्होंने कहा, हमने विदेशों में देखा है ओमिक्रॉन सर्दी की तरह है. इससे काफी लोग ठीक हुए हैं. फिर हमें कैद क्यों किया जा रहा है. 

शंघाई से उड़ानें डायवर्ट की गईं

शंघाई में, 21 मार्च और 1 मई तक निर्धारित 106 अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को अन्य चीनी शहरों में डायवर्ट करने का फैसला किया गया. चांगचुन में भी कड़ी पाबंदियां लगाई गई हैं.

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