scorecardresearch
 

'स्ट्रेट मीडियन लाइन' पर चीन ने बढ़ाई सैन्य एक्टिविटी, ताइवान ने लगाया चीनी एयरक्राफ्ट पर सीमा में घुसने का आरोप

ताइवान में राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों के लिए होने वाले मतदान से पहले चीन ने स्ट्रेट मीडियन लाइन पर सैन्य एक्टिविटी बढ़ा दी हैं. वहीं, ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि शनिवार को दस चीनी विमानों उनकी सीमा में उसने का प्रयास किया.

Advertisement
X
'स्ट्रेट मीडियन लाइन' पर चीन ने बढ़ाई सैन्य एक्टिविटी.
'स्ट्रेट मीडियन लाइन' पर चीन ने बढ़ाई सैन्य एक्टिविटी.

ताइवान में तीन सप्ताह बाद आम चुनाव होने हैं. उससे पहले चीन ने एक बार फिर इस द्वीपीय देश के जल ओर वायु क्षेत्र में अपनी सैन्य गतिविधियां बढ़ा दी हैं. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने रविवार कहा कि 24 घंटे के अंदर 8 चीनी लड़ाकू विमानों ने उसके जल क्षेत्र में घुसपैठ की.

ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि शनिवार को दोपहर डेढ़ बजे (0530 GMT) के बाद से उसने J-10, J-11 और J-16 लड़ाकू विमानों के साथ-साथ ताइवान के उत्तर, मध्य और दक्षिण-पश्चिम में हवाई क्षेत्र में एक्टिव होने का पता लगाया था.

Advertisement

मीडियन लाइन पार कर रहे हैं चीनी विमान: रिपोर्ट

मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि चीनी युद्धपोतों के साथ मिलकर काम करने वाले दस विमानों ने स्ट्रेट मीडियन लाइन को पार कर उनकी सीमा में प्रवेश किया. मीडियन रेखा दोनों देशों के बीच एक अनौपचारिक सीमा के रूप में काम करती है, लेकिन अब चीनी विमान हर रोज इस सीमा के ऊपर से उड़ान भरते हैं. इसके बाद हमने अपनी सेना को इसकी निगरानी के लिए भेजा है.

चीन ने हाल ही में ताइवान की सीमा पर की अपनी सैन्य गतिविधियों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन इससे पहले की अपनी कार्रवाई पर चीन ने उसे ताइवान के अलगाववादियों और अमेरिका के बीच मिलीभगत को रोकने और चीनी क्षेत्र की अखंडता की रक्षा करना बताया था. ताइवान के जिस क्षेत्र को चीन अपना होने का दावा करता है. ताइवान उन द्वीपों के पार चार साल से चीनी सैन्य गश्त और अभ्यास की शिकायत कर रहा है.

Advertisement

13 जनवरी को होगा मतदान

बता दें कि ताइवान में 13 जनवरी को होने वाले राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों के लिए प्रचार अभियान चल रहा है. इन चुनावों में चीन के साथ संबंध और सीमा विवाद का एक प्रमुख मुद्दा है, जिसको चीन पचा नहीं पा रहा है.

ओपिनियन पोल के मुताबिक, सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी की लाइ चिंग-टे ताइवान के अगले राष्ट्रपति बनने की दौड़ में सबसे आगे हैं, जबकि ताइवान की मुख्य विपक्षी पार्टी कुमिंटांग पारंपरिक रूप से बीजिंग के साथ करीबी संबंधों का समर्थन करती है.

पार्टी के नेताओं का कहना है कि अगर वह चुनाव जीतते हैं तो वह चीन के साथ फिर से वार्ता शुरू करेंगे, लेकिन ताइवान के लोग ही अपने भविष्य का फैसला करने का अधिकार है.

कई बार की बातचीत की कोशिश:ताइवान सरकार

वहीं, सीमा विवाद को लेकर ताइवान ने कई बार चीन से बातचीत की पेशकश की है और चीन के संप्रभुता के दावों को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि ताइवान के लोगों को ही अपने भविष्य तय करने का अधिकार है.

Live TV

Advertisement
Advertisement