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रूस में भी चीन ने चली चाल, फेसबुक के जरिए कहा- भारत को न दो हथियार

रूस, भारत और चीन यानी RIC के विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले चीन अपनी नापाक हरकत से बाज नहीं आया और उसने भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करना शुरू कर दिया था.

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चीन ने रूसी भाषा का इस्तेमाल कर रूस को प्रभावित करने की कोशिश की (रॉयटर्स)
चीन ने रूसी भाषा का इस्तेमाल कर रूस को प्रभावित करने की कोशिश की (रॉयटर्स)

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  • चीन ने रूसी भाषा में लिखा- भारत को न दें हथियार
  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस समय रूस के दौरे पर
  • रूस से हथियारों की जल्द हवाई डिलीवरी चाहेगा भारत

लद्दाख के गलवान घाटी पर पिछले हफ्ते भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद हालात तनावपूर्ण हैं, इस बीच रूस में भारत, चीन और रूस के विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले चीन ने वहां के सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने की कोशिश की.

रूस, भारत और चीन यानी RIC के विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले चीन अपनी नापाक हरकत से बाज नहीं आया और उसने भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करना शुरू कर दिया था.

'भारत को हथियार नहीं बेचे रूस'

चीनी मुखपत्र पीपुल्स डेली ने रूसी रणनीतिक समुदाय को प्रभावित करने की कोशिश में अपने फेसबुक पेज पर रूसी भाषा में एक मैसेज पोस्ट किया जिसमें रूस को भारत को हथियार नहीं बेचने की सलाह दी गई थी.

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फेसबुक पर पीपुल्स डेली की ओर से पोस्ट में कहा गया, 'यदि रूस भारतीयों और चीनी लोगों के दिलों को नरम करना चाहता है, तो इस बुरे माहौल में भारत को हथियार न बेचना ही बेहतर रहेगा.'

चीनी अखबार ने 'सोसाइटी फॉर ओरिएंटल स्टडीज ऑफ रशिया' के एक फेसबुक ग्रुप पर एक मैसेज पोस्ट करते हुए लिखा, 'जैसा कि विशेषज्ञों का कहना है, अगर रूस, चीनी और भारतीयों के दिलों को नरम करना चाहता है, तो संवेदनशील माहौल में भारत को हथियार देना बेहतर नहीं होगा. दोनों एशियाई शक्तियां रूस की बहुत करीबी रणनीतिक साझेदार हैं.'

यह संदेश ऐसे समय में आया है जब भारत 'इमरजेंसी खरीद' के तहत रूस से अधिग्रहण के माध्यम से सैन्य क्षमता को मजबूत करने पर विचार कर रहा है.

फेसबुक पोस्ट में अखबार की ओर से लिखा गया है, 'लद्दाख में हिंसक झड़प के बाद भारत मिग 29 और 12 सुखोई 30MK समेत 30 फाइटर जेट खरीदना चाहता है.'

यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. पिछले हफ्ते लद्दाख में हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे.

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इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस में हैं, जहां उन्हें विक्ट्री डे परेड में शामिल होना है. लेकिन, रूस के दौरे का सिर्फ यही एक कारण नहीं है. ये दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि इस दौरान भारत की ओर से रूस से जरूरी हथियारों की डिलीवरी जल्द करने को कहा जाएगा.

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जल्द डिलिवरी की अपील

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को रूस पहुंचे, मंगलवार को स्थानीय नेताओं के साथ बातचीत करेंगे और फिर बुधवार को विक्ट्री डे की परेड होनी है. इस दौरे के दौरान भारत की ओर से S-400 डिफेंस सिस्टम, सुखोई-30 MKIs, मिग-29 की जल्द डिलिवरी की अपील की जा सकती है.

सूत्रों की मानें, तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस से अपील करेंगे कि जो ऑर्डर दिए गए हैं, उनकी डिलीवरी तुरंत हवाई मार्ग से करवा दी जाए ताकि जरूरत पड़ने पर उसका इस्तेमाल किया जा सके. भारत पहले ही रूस को कई ऑर्डर दे चुका है, जो नियमित वक्त पर समुद्री रास्ते से आना था. लेकिन अब क्योंकि हालात बदल चुके हैं, तो भारत इनकी सप्लाई तुरंत और हवाई मार्ग से चाहता है.

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