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अफगानिस्‍तान में चीन ने उतारे मिलिट्री विमान? बढ़ी टेंशन

यह सब ऐसे समय हो रहा है जब चीनी मामलों के विशेषज्ञ यून सून ने कहा है कि अमेरिका की वापसी के बाद अब चीन Bagram Airbase पर कब्‍जे का बहुत ज्‍यादा इच्‍छुक हो सकता है. यह एयरबेस अफगानिस्तान की राजधानी काबुल (Kabul) के नजदीक है, जिस पर करीब 20 साल तक अमेरिकी सेना का कब्‍जा रहा.  

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बरगाम एयरबेस (फ़ाइल फोटो- Getty)
बरगाम एयरबेस (फ़ाइल फोटो- Getty)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अफगानिस्‍तान में बढ़ी चीन की दिलचस्पी
  • बरगाम एयरबेस पर उतारे मिलिट्री विमान

अमेरिकी सेना (US Army) की वापसी के बाद अफगानिस्तान (Afghanistan) के बगराम एयरबेस (Bagram Airbase) पर पहली बार सैन्‍य विमान उतरते देखे गए हैं. ऐसा दावा किया गया है कि ये चीनी सेना (China Army) के विमान हो सकते हैं. यही नहीं अब बगराम एयरबेस की लाइट्स को भी चालू कर दिया गया है. आइए जानते हैं पूरा मामला.. 

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दरअसल, बगराम एयरबेस अमेरिकी सेना का मजबूत गढ़ रहा है. यहीं से वो ऑपरेशन को अंजाम देती रही है. 'डेली मेल' की रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना के जाने के बाद वहां (बगराम एयरबेस) सैन्य विमानों के पहुंचने की कई रिपोर्टें सामने आई हैं. कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिसमें एयरबेस पर बिजली बहाल की गई है. 

बताया गया कि चीन अमेरिका के जाने के बाद एयरबेस पर कब्जा करने में दिलचस्पी ले रहा है. इस बीच बगराम एयरबेस पर कई सैन्य विमानों ने उड़ान भरी और लैंडिंग भी की. दावा किया गया कि ये विमान चीनी सेना के हैं, क्योंकि तालिबान को ऐसे विमान उड़ाने का कोई अनुभव नहीं है.

रिपोर्ट के मुताबिक, यह सब ऐसे समय हो रहा है जब चीनी मामलों के विशेषज्ञ यून सून ने कहा है कि अमेरिका की वापसी के बाद अब चीन Bagram Airbase पर कब्‍जे का बहुत ज्‍यादा इच्‍छुक हो सकता है. यह एयरबेस अफगानिस्तान की राजधानी काबुल (Kabul) के नजदीक है, जिस पर करीब 20 साल तक अमेरिकी सेना का कब्‍जा रहा.  
 
यूएस न्यूज एंड वर्ल्ड रिपोर्ट के अनुसार, चीन बगराम एयरबेस पर अपने सैन्य कर्मियों और आर्थिक विकास अधिकारियों को भेजने पर विचार कर रहा है. हालांकि, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस रिपोर्ट का खंडन किया है. 

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