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बॉर्डर पर सबसे उलझते China का राष्ट्रगान भी रहा विवादों में, कवि को मिली कैद, म्यूजिशियन की हुई मौत

सर्च इंजन Google पर चीन का नेशनल एंथम खोजें तो हांगकांग का प्रोटेस्ट सॉन्ग आता है. अब हांगकांग ने गूगल से कहा कि वो कुछ ऐसा करे, जिससे चीन खोजने पर चीन का ही राष्ट्रगान आए. बता दें कि हांगकांग के पास अपना राष्ट्रगान नहीं क्योंकि वो चीन के प्रशासनिक क्षेत्र में है. वैसे सीमाएं फैलाने के लिए कुख्यात चीन का नेशनल एंथम भी कम आक्रामक नहीं.

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वर्तमान राष्ट्रगान से पहले चीन में कई गाने बने, लेकिन कोई भी इतना लोकप्रिय नहीं हो सका. सांकेतिक फोटो (Pixabay)
वर्तमान राष्ट्रगान से पहले चीन में कई गाने बने, लेकिन कोई भी इतना लोकप्रिय नहीं हो सका. सांकेतिक फोटो (Pixabay)

मार्च ऑफ द वालंटियर्स के राष्ट्रगान बनने से पहले चीन में कई प्रयोग हुए. लगभग सारे गानों में एक बात कॉमन थी कि उनमें चीन के गुणगान के साथ-साथ लड़ने-भिड़ने की बात भी थी. यानी ताकत दिखलाना. क्विंग डायनेस्टी के दौरान इस देश का पहला नेशनल एंथम तैयार हुआ, जो दो सौ सालों से भी ज्यादा समय तक चलता रहा. पु तिएन यू का मोटा-मोटी अंग्रेजी अनुवाद है- सॉन्ग टू द होल वर्ल्ड. आखिरी बार ये न्यूजर्सी में साल 1914 में गाया गया. लेकिन अब इसकी कोई रिकॉर्डिंग उपलब्ध नहीं है. 

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दूसरे वर्ल्ड वॉर से पहले लिखा गया
इसके बाद भी कई गाने आए, लेकिन कोई भी आधिकारिक तौर पर चीन का राष्ट्रगान नहीं बन सका. अब बात करते हैं वर्तमान एंथम की, तो इसका बनना काफी विवादित रहा. बात 1934 की है, जब दूसरे विश्व युद्ध की भूमिका लिखी जा चुकी थी. देशों में तनाव बढ़ने लगा था. जापान चीन पर हावी हो रहा था. तभी तत्कालीन चीनी कवि तियान हान ने कुछ ऐसा कह दिया, जो जापान के पक्ष में जाता था. कवि की स्थानीय लोगों में काफी पहुंच थी. उसका कहना लोगों पर भी असर डालता. तो तत्कालीन सरकार ने उसे जेल में डाल दिया. 

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राष्ट्रगान लिखने वाले कवि तियान हान ने जेल में ही आखिरी सांसें लीं. सांकेतिक फोटो (Pixabay)

शंघाई में कैद रहते हुए ही तियान ने इस गाने के बोल लिखे
जेल में लिखने के लिए कुछ मिलता नहीं था क्योंकि सरकार को डर था कि कैदी अंदर बैठकर भी बवाल करवा सकता है. तो हुआ ये कि तियान सिगरेट की पन्नियों पर लिखने लगे. कवि मूलतः देशप्रेमी ही थे. तो इस बार जो लिखकर आया वो चीन की ताकत को दिखाने वाला था. अधिकारियों ने सफाई के दौरान सिगरेट पर लिखे बारीक अक्षरों को जब्त कर लिया. पन्नी आला अफसरों को भेजी गईं और तब जाकर सबको लगा कि जेल में बैठे-बैठे ही तिआन ने कैसा कमाल कर दिया. 

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आती रहीं रुकावटें
आनन-फानन गीत पर संगीत देने के लिए एक म्यूजिशियन को बुलाया गया, लेकिन समुद्र में डूबने से उसकी मौत हो गई. यहां से इसे नेशनल एंथम बनाने का जोश ठंडा पड़ गया और गीत के बोलों को एक बाल-फिल्म में इस्तेमाल कर लिया गया. चिल्ड्रन ऑफ ट्रबल टाइम्स में आया ये गाना धीरे-धीरे इतना मशहूर हुआ कि जापान से लड़ते हुए चीनी सैनिक यही गाने लगे. लेकिन तब भी इसे नेशनल एंथम का दर्जा नहीं मिला था. इधर इसे लिखने वाला कवि जेल में ही पड़े-पड़े खत्म हो गया. 

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दो साल पहले हांगकांग में चीन द्वारा लागू हो रहे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के खिलाफ जबर्दस्त प्रोटेस्ट हुआ था. सांकेतिक फोटो (Pixabay)

तियानमेन पर हिंसा के बीच दोनों ही पक्ष यही गा रहे थे
अस्सी के शुरुआती दशक में कम्युनिस्ट पार्टी ने मार्च ऑफ द वालंटियर्स को आधिकारिक तौर पर देश का राष्ट्रगान मान लिया. दिलचस्प बात ये है कि वहां के तियानमेन चौक पर जब युवा हक की लड़ाई लड़ रहे थे, तब भी यही गाना गा रहे थे, और यही गाते हुए चीनी सैनिक उन्हें रौंद रहे थे. तो लिखने वाले की मौत, पहले म्यूजिशियन की मौत के साथ ही इस एंथम में हजारों चीनी युवाओं की मौत भी जुड़ती चली गई. 

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युद्ध का भाव जगाने वाले बोल
सेकंड वर्ल्ड वॉर के शुरुआत दौर में लिखे इस गाने में चीन की हरियाली, वहां के खान-पान या लोगों का जिक्र नहीं है, बल्कि आक्रामकता है, जैसे देश युद्ध के मैदान में हो और दुश्मन को हराना उसका अकेला मकसद हो. कई बार ग्लोबल भेंट-मुलाकातों के दौरान इसपर एतराज उठता रहा. खासकर एक लाइन थी- द चाइनीज नेशन फेस ग्रेटेस्ट पेरिल. इसे हटा दिया गया. इस तरह नेशनल एंथम में दो-एक बार हल्के-फुल्के बदलाव हो चुके. 

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चीन और प्रशासनिक क्षेत्रों में राष्ट्रगान का अपमान होने पर सजा और जुर्माना भी है. सांकेतिक फोटो (Unsplash)

मकाऊ और हांगकांग के पास अपना राष्ट्रगान नहीं
बॉर्डर बढ़ाकर पड़ोसी देशों को हड़पने के आरोपों से घिरा चीन इस नेशनल एंथम को दूसरे देशों पर भी लागू करना चाहता है. जैसे प्रशासनिक क्षेत्र मकाऊ में भी चीनी राष्ट्रगान ही गाया जाता है. इसी तरह दो साल पहले चीन ने हांगकांग को भी इसे अपनाने को कहा, लेकिन वहां के युवाओं ने इसका विरोध किया. यहां तक कि चीन को नेशनल एंथम बिल लाना पड़ गया ताकि युवा भले ही इसे गाएं न, लेकिन इसका अपमान भी न करें. ऐसा करने पर 3 साल की कैद और/या साढ़े 6 हजार डॉलर जुर्माना देना पड़ सकता है.

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बिल ये भी कहता है कि किसी भी बड़े मौके पर संस्थाओं या लोगों को ये गाना चलाना होगा, और गाना भी होगा. साथ ही स्कूली बच्चों को ये गाना और इसका इतिहास बताया जाए. 

गीत के बोल क्या हैं?
चीन की स्थानीय भाषा केंटोनीज में लिखे राष्ट्रगान का हिंदी तजुर्मा है- वे सब उठ खड़े हों, जो गुलाम बनने से एतराज रखते हों. हम अपने खून-पसीने से एक नई दीवार बनाएंगे. चीन इस समय सबसे बड़ी मुश्किल से गुजर रहा है. तो लोगों जमा हो जाओ. खड़े हो उठो. चीन के खास प्रशासनिक  क्षेत्रों, जैसे मकाऊ में ये पुर्तगाली भाषा में गाया जाता है, जबकि हांगकांग वाले अंग्रेजी में गा सकते हैं, लेकिन गीत के बोल और धुन से कोई छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए.

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