राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अरुणाचल दौरे से चीन तमतमा गया है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा है कि भारत को मौजूदा हालात को देखते हुए इससे बचना चाहिए. चीन ने भारत को नसीहत देते हुए कहा है कि ऐसे वक्त में जब दोनों देशों के रिश्ते बेहद संवेदनशील दौर से गुजर रहे हैं, भारत को इसका ध्यान रखना चाहिए.
चीनी प्रवक्ता ने कहा कि दोनों ही देश मतभेद वाले मुद्दों का समाधान निकाल रहे हैं. चीन ने अरुणाचल में लगातार दौरों पर ऐतराज जताते हुए कहा कि हमें ऐसा समाधान निकालना चाहिए जो सभी को स्वीकार्य हो.
विधानसभा में नए भवन का उद्घाटन करने गए थे राष्ट्रपति
रविवार को ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अरुणाचल प्रदेश की विधानसभा में नवनिर्मित भवन का उद्घाटन करने गए थे. यहां विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुये कोविंद ने कहा था कि आपके पास इस इमारत की तरह अपने लोगों के लिये जगह होनी चाहिये, जिन्होंने बेहद उम्मीद और अकांक्षाओं के साथ आपको चुना है. अपने मतदाताओं की अकांक्षाओं को बरकरार रखने और पूरी गंभीरता से उनकी सेवा करने के लिये आपको उनकी जिम्मेदारियां साझी करनी चाहिये.
राष्ट्रपति ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में पार्टी लाइन पर चुनाव लड़े जाते हैं लेकिन निर्वाचित प्रतिनिधि पार्टी के विधायक नहीं होते बल्कि पूरे क्षेत्र के विधायक होते हैं. राष्ट्रपति ने कहा था कि अरुणाचल प्रदेश देश के लोगों के लिये प्रेरणा का स्रोत है.
अगस्त में भी लेह गए थे राष्ट्रपति कोविंद
इससे पहले अगस्त में भी राष्ट्रपति सेना के कार्यक्रम में एक दिन के दौरे पर लद्दाख गए थे. सीमा पर चीन की चालबाजी के बीच कोविंद का यह दौरा दौरा बेहद अहम था. सेना प्रमुख उनके साथ ही थे.
तीन दिन पहले ही सीमा के मुद्दे पर की थी चर्चा
बीते शुक्रवार को ही चीन और भारत के अधिकारियों ने बीजिंग में भारत-चीन मामलों पर परामर्श व समन्वय कार्यतंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) के 10वें चरण में सीमा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की थी. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि दोनों देशों ने भारत-चीन सीमा के सभी पक्षों की स्थितियों की समीक्षा की और द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के लिए सीमा क्षेत्र पर शांति बनाए रखने पर सहमत हुए.
डोकलाम में विवाद के बाद पहली बार थी बातचीत
इसी साल अगस्त में डोकलाम में दोनों देशों ने अपनी सेना हटा ली थी. जिसके सीमा विवाद पर दोनों मुल्कों में पहली सकारात्मक बातचीत हुई है. डोकलाम विवाद पर समाधान के करीब दो महीने बाद भारत और चीन के बीच पहली बार सीमा क्षेत्र से जुड़े सभी पक्षों पर बातचीत हुई. इस बातचीत में सीमा क्षेत्र की स्थितियों की समीक्षा के साथ ही हालात शांतिपूर्ण बनाए रखने की चर्चा हुई थी.