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थम नहीं रहे चीन के 'कदम', ड्रैगन ने नेपाल की जमीन पर बनाईं 9 इमारतें

स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने बताया कि पिछले साल जब चीनी पक्ष की तरफ से लिमी और लापचा के बीच सड़क का निर्माण कार्य किया जा रहा था, उस समय सिर्फ तीन भवनों का आधार खड़ा किया गया था. इसे नेपाल के विरोध के बाद बंद कर दिया गया था. लेकिन अभी अचानक 9 भवन बनकर तैयार हो गए हैं

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नेपाल की जमीन पर बनाई 9 बिल्डिंग (फोटो-सुजीत झा)
नेपाल की जमीन पर बनाई 9 बिल्डिंग (फोटो-सुजीत झा)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गुपचुप तरीके से चीन ने बनाई इमारतें
  • नेपाली नागरिकों की आवाजाही पर रोक
  • नेपाली अधिकारियों को जानकारी नहीं

चीन की विस्तारवादी नीति नेपाल में बदस्तूर जारी है. भारत के साथ सीमा विवाद में उलझा चीन ठंडे के मौसम और नेपाली सुरक्षाकर्मियों की गैर मौजूदगी का फायदा उठाकर नेपाल की जमीन पर धीरे-धीरे कब्जा करता जा रहा है.

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इस बार मामला नेपाल के हुम्ला जिले का है. इस जिले के नाम्खा गांव चीन ने गुपचुप तरीके से भवन का निर्माण कर लिया है. भवन भी एक- दो नहीं  बल्कि पूरे 9 बड़े-बड़े भवन बनाए जा चुके हैं. चीन की हिमाकत सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है. जिस जगह पर उसने भवनों का निर्माण किया है, उसके आसपास भी नेपाल के नागरिकों का प्रवेश निषेध कर दिया है. 

इस बात का खुलासा तब हुआ जब उस गांवपालिका के अध्यक्ष विष्णु बहादुर लामा सीमावर्ती क्षेत्र में घूमने गए थे. उन्होंने बताया कि लिमी गांव के लाप्चा क्षेत्र में चीनी सेना ने एक साथ 9 इमारतों का निर्माण कार्य लगभग पूरा कर लिया है. 

कैसे हुआ खुलासा

अपने गांव पालिका के भीतर ही सीमावर्ती क्षेत्र में इन भवनों का निर्माण कैसे और किसने किया? इस बात की जानकारी लेने के लिए जब गांवपालिका के अध्यक्ष विष्णु बहादुर लामा वहां पहुंचे तो उन्हें उस तरफ आने से रोका गया. लामा ने फोन पर बताया कि मेरे बार-बार पूछताछ करने के बाद वहां भवन निर्माण के काम में लगी चीनी सेना के जवान अपना सामान लेकर चीन सीमा में प्रवेश कर गए. 

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बहुत दूर से ही अपने मोबाइल में उन निर्मित भवन का फोटो लेकर हमें भेजने वाले लामा ने बताया कि दोनों देशों की जो सीमा है, उससे एक किलोमीटर नेपाल की तरफ इन भवनों को बनाया गया है. उन्होंने कहा कि सीमा की सुरक्षा में रहे चीन के सैन्य अधिकारियों से भी उन्होंने बात करने की कोशिश की, लेकिन उनकी तरफ से कोई भी जवाब नहीं आया और उनको उस क्षेत्र से चले जाने को कहा गया. 

स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने बताया कि पिछले साल जब चीनी पक्ष की तरफ से लिमी और लापचा के बीच सड़क का निर्माण कार्य किया जा रहा था, उस समय सिर्फ तीन भवनों का आधार खड़ा किया गया था. इसे नेपाल के विरोध के बाद बंद कर दिया गया था. लेकिन अभी अचानक 9 भवन बनकर तैयार हो गए हैं और अंदर सिर्फ फिनिशिंग का काम चल रहा है. 

गांवपालिका अध्यक्ष लामा ने बताया कि नेपाली नागरिकों, स्थानीय लोगों को अपनी ही जमीन पर जाने नहीं दिया जा रहा है जबकि चीन के सैनिक आराम से नेपाली भूभाग पर आ जा रहे हैं और भवन निर्माण के काम को पूरा करने का काम अभी भी जारी है. 

क्या बोले अधिकारी

जब हमने इस बारे में हुम्ला के प्रमुख जिला अधिकारी चिरंजीवी गिरी से जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि उनको भी इस बात की जानकारी अभी ही मिली है. नेपाली सुरक्षाकर्मी, नापी विभाग और सर्वे विभाग के अधिकारियों को उस तरफ जल्द ही रवाना किया जाएगा. 

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इस बारे में न तो नेपाल का गृह मंत्रालय और न ही नेपाल का विदेश मंत्रालय कुछ प्रतिक्रया दे रहा है. ये सभी जिले के CDO चिरंजीवी गिरी की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं.  

दो महीने पहले ही चीन द्वारा नेपाल के गोरखा जिले के रूई गांव को अपने में मिला लेने की खबर आई थी. इसके बाद नेपाल में काफी हंगामा हुआ और संसद में सरकार को जवाब देना पड़ गया था. हालांकि नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने चीन के द्वारा नेपाल के किसी भी भूभाग पर कब्जे से साफ़ इनकार कर दिया था. पुराना भवन 11 साल पहले बनाया गया था और उसके एक किलोमीटर दूर सीमा स्तम्भ बना हुआ है. नेपाल की सीमा के 2 किमी भीतर यानी नेपाल चीन सीमा से 2 किमी अन्दर नेपाली भूभाग में इस भवन का निर्माण किया गया है.


 

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