प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मई में चीन की तीन दिवसीय यात्रा पर जाएंगे. उम्मीद की जा रही है कि इस यात्रा से भारत-चीन के रिश्ते सुधरेंगे, लेकिन इससे ठीक पहले चीन ने पाकिस्तान के साथ मिलकर हिंदुस्तान को बड़ा झटका दिया है. चीन-पाक के बीच मंगलवार को पाक अधिकृत कश्मीर से होते हुए 46 अरब डॉलर के आर्थिक गलियारे के निर्माण को लेकर समझौता हुआ है.
चीन ने अपने ‘सुख-दुख’ के साथी पाकिस्तान के साथ उसके कुल 51 करार पर हस्ताक्षर किए हैं. चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग ने पाकिस्तान की अपनी पहली ऐतिहासिक सरकारी यात्रा के दौरान विदेश में अब तक के सबसे बड़े निवेश के तहत महत्वाकांक्षी 3,000 किलोमीटर की चीन-पाक आर्थिक गलियारा (सीपीईएसी) का औपचारिक अनावरण किया.
इस रणनीतिक गलियारे को 1979 में बने कराकोरम राजमार्ग के बाद दोनों देशों के बीच सबसे बड़ी संपर्कसूत्र परियोजना माना जा रहा है. इससे चीन का पश्चिम एशिया से उर्जा के आयात का मार्ग 12,000 किलोमीटर कम हो सकेगा. दोनें देशों के बीच कुल 51 समझौते किए गए. ये समझौते बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, उर्जा उत्पादन, कृषि, शिक्षा, दूरसंचार और अनुसंधान क्षेत्र में किए गए.
तीन साल में पूरा होगा गलियारा
दोनों देशों के बीच हुए 51 में से 30 समझौते रणनीतिक आर्थिक गलियारे से जुड़े हैं. इस परियोजना के तहत चीन के अल्पविकसित पश्चिमी क्षेत्र को पाक अधिकृत कश्मीर के रास्ते पाकिस्तान के अरब सागर से जुड़े ग्वादार बंदरगाह को सड़कों, रेलवे, व्यावसायिक पट्टियों, उर्जा योजनाओं और पेट्रोलियम पाइपलाइनों के मिश्रित नेटवर्क से जोड़ा जाना है. इस गलियारे का निर्माण तीन साल में पूरा होने की उम्मीद है. यह करीब 10,400 मेगावाट बिजली उपलब्ध कराएगा. इससे चीन को हिंद महासागर और उससे आगे सीधी पहुंच उपलब्ध होगी.
मजबूत होगी पाक की अर्थव्यवस्था
सरकार संचालित ग्लोबल टाइम्स ने मंगलवार को अपने संपादकीय में चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में उर्जा भरेगा. इसमें कहा गया, 'जाहिर तौर पर कॉरिडोर का विकास करने में दोनों देशों की परीक्षा होगी. इस्लामाबाद के लिए देश में शांति के लिहाज से राजनीतिक अस्थिरता से छुटकारा पाना और आर्थिक पुनरुद्धार की ओर बढ़ना प्राथमिकता है.'
संपादकीय में कहा गया है कि चीन के ‘आयरन ब्रदर’ के रूप में पाकिस्तान में अशांति और गरीबी नहीं होनी चाहिए. यह शांतिपूर्ण होना चाहिए, खुशहाल होना चाहिए और एक मजबूत व समृद्ध राष्ट्र बनने के रास्ते पर लौटना चाहिए.'