चीन ने सुरक्षा एजेंसियों को अत्यधिक शक्ति देने वाले अपने प्रथम आतंकवाद रोधी कानून को पारित किया है. यह कानून सेना को आतंकवाद रोधी अभियानों पर अन्य देशों में कार्रवाई करने की इजाजत देता है. साथ ही, प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिए यह आवश्यक किया गया है कि वे ‘इनक्रिप्शन’ जैसी संवेदनशील जानकारियां सरकार को दें.
तिब्बत में भी लागू होगा नया कानून
आतंकवाद रोधी यह कानून तिब्बत सहित अन्य प्रांतों में भी लागू होगा. सुरक्षा नियंत्रण बढ़ाए जाने के खिलाफ तिब्बत में अतीत में 120 से अधिक लोगों ने आत्मदाह किया है. काफी हद तक उम्मीद के अनुसार नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) की स्थाई समिति के 159 सदस्यों ने आमराय से मसौदा कानून को स्वीकार कर लिया. इसे सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने मंजूरी दी थी. नए कानून ने विदेशों में आतंकवाद रोधी अभियानों में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के भाग लेने को वैध बनाया है.
नए कानून से सेना को मिली असीमित शक्तियां
नए कानून के मुताबिक पीएलए और देश के सशस्त्र पुलिस बल केंद्रीय सैन्य आयोग से मंजूरी के साथ ऐसे अभियान चला सकते हैं. सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कहा, ‘नया कानून चीन और दुनिया के लिए ऐसे संवेदनशील समय में आया है जब पेरिस में आतंकवादी हमले, मिस्र के उपर रूस के एक यात्री विमान पर बम से निशाना और इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह द्वारा बंधकों की हत्याओं के मामले दुनिया को आतंकवाद के बढ़ते खतरे के बारे में चौकन्ना कर रहे हैं.’