भारतीय उपमहाद्वीप में अपनी जबर्दस्त उपस्थिति दर्ज कराने के इरादे से चीन भारत के बेहद करीब तक रेल लाइनें बिछाता जा रहा है. अब वह एक ऐसी रेल लाइन बिछाना शुरू करेगा जो तिब्बत होकर सिक्किम की सीमा तक पहुंचेगी. अंग्रेजी दैनिक टाइम्स ऑफ इंडिया ने ये अखबार ने दी है.
अखबार के मुताबिक चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तिब्बत में एक और रेल लाइन बिछाने की इजाजत दे दी है, जो सिक्किम के करीब होगी. इससे उसकी सेना और सैनिक साजो-सामान को भारत पहुंचाना आसान हो जाएगा.
बताया जा रहा है कि यह महत्वपूर्ण रेल लाइन 253 किलोमीटर लंबी होगी और यह तिब्बत के ल्हासा को शीगेज़ से जोड़ेगी. इस पर 2.16 अरब डॉलर खर्च होगा. शीगेज़ वह जगह है जहां चीन समर्थक पंचेन लामा रहते हैं.
इसके अलावा चीन, भूटान और नेपाल तक रेल लाइनें बिछाने का इरादा रखता है. इन दुर्गम इलाकों में रेल लाइन बनाकर वह अपनी सामरिक स्थिति मजबूत करना चाहता है. लेकिन इससे भारत के लिए परेशानी खड़ी हो जाएगी और उसकी सुरक्षा खतरे में भी पड़ सकती है. भारत के लिए यह रणनीति के लिहाज से उचित नहीं है. चीन, तिब्बत पर अपनी पकड़ जमाने और भारत के सामने चुनौती पेश करने के लिए वहां बड़े पैमाने पर राजमार्ग और रेल लाइनें बनाता जा रहा है.
चीन की नजर अरुणाचल प्रदेश पर भी है और इसलिए उसने उसकी सीमा तक तिब्बत में रेल लाइन बनाने की योजना को अंतिम रूप दे दिया है. समझा जाता है कि इस रेल लाइन का निर्माण चीन, भारत पर दबाव डालने के लिए ही कर रहा है. एक अन्य रेल लाइन पर भी चीन शीघ्र काम करने जा रहा है जो अरुणाचल प्रदेश के करीब होगी. इस तरह से वह भारत की सीमा के इर्द-गिर्द रेल लाइनों का एक जाल बुन देना चाहता है.