scorecardresearch
 

भारत का विरोध बेअसर, चीन ने और तेज किया PoK में पावर प्रोजेक्ट का काम

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में झेलम नदी पर कारोत पनबिजली परियोजना से पाकिस्तान की बिजली की कमी दूर करने में मदद मिलेगी और इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन होगा.

Advertisement
X
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और (फोटो क्रेडिट-रॉयटर्स)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और (फोटो क्रेडिट-रॉयटर्स)

Advertisement

पाकिस्तान में बिजली संकट को कम करने के लिए 'पीओके' में एक पनबिजली परियोजना को चीन तय समय से पहले पूरा करना चाहता है. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में झेलम नदी पर कारोत पनबिजली परियोजना पर काम चल रहा है, जिसकी लागत दो अरब डॉलर है.

720 मेगावाट है बिजली स्टेशन की क्षमता

इसे 30 साल के लिए ‘बिल्ड-ओन- ऑपरेट- ट्रांसफर’(बीओटी) आधार पर बनाया जा रहा है. इसके बाद इसका मालिकाना हक पाकिस्तान सरकार को मिल जाएगा. कारोत बिजली स्टेशन की क्षमता 720 मेगावाट है. कारोत पनबिजली परियोजना के अलावा पाकिस्तान के लिए चीन हाइड्रो, विंड और सोलर पावर पर आधारित कई और परियोजनाएं भी शुरू करेगा.

बिजली के साथ रोजगार बढ़ेगा

चीन की सरकार संचालित ग्लोबल टाइम्स अखबार की खबर के मुताबिक कारोत बिजली कंपनी लिमिटेड एक चीनी कंपनी की सहायक कंपनी है. कंपनी ने एक बयान में कहा कि परियोजना से पाकिस्तान की बिजली की कमी दूर करने में मदद मिलेगी और इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन होगा. हालांकि, खबर में परियोजना के पूरा होने की नई समय सीमा का जिक्र नहीं है.

Advertisement

2025 तक पाकिस्तान में दूर होगी बिजली की कमी

शंघाई एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज के शोधार्थी हु झियोंग के हवाले से अखबार ने कहा है कि भारत ने इस परियोजना को लेकर बार-बार चिंता जाहिर की है क्योंकि यह परियोजना विवादित कश्मीर में स्थित है. लेकिन ये चीन और पाकिस्तान के बीच सहयोग को प्रभावित नहीं करेगा क्योंकि संबंध स्थिर है और यह भारत को लक्षित नहीं होगा. उन्होंने कहा है कि चीन के सहयोग से पाकिस्तान की बिजली की कमी 2025 तक दूर होने की संभावना है.

Advertisement
Advertisement