scorecardresearch
 

चीन में सरकार विरोधी प्रदर्शन कवर करने गए बीबीसी पत्रकार से मारपीट, ब्रिटेन सरकार भड़की

चीन में बीते तीन दिनों से जारी सरकार विरोधी प्रदर्शनों के मद्देनजर बीबीसी के एक पत्रकार से मारपीट का मामला सामने आया है. प्रोटेस्ट कवर करने गए पत्रकार का हाथ बांधकर उसे घसीटा गया. पुलिस ने लात और घूसों से उस पर हमला किया. उसे गिरफ्तार कर लिया गया. लेकिन कुछ घंटों बाद छोड़ दिया गया.

Advertisement
X

चीन में कोरोना के मद्देनजर बेहद कड़ी जीरो कोविड पॉलिसी के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों ने दुनियाभर का ध्यान अपनी ओर खींचा है. चीन के कुछ शहरों में प्रदर्शनकारियों की पुलिसकर्मियों से झड़प की भी खबरें हैं. ऐसे में इस प्रोटेस्ट को कवर करने पहुंचे बीबीसी के एक पत्रकार से मारपीट करने का मामला सामने आया है. चीन की पुलिस पर पत्रकार से बदसलूकी करने, लात-घूसों से उसे पीटने का आरोप है. पत्रकार को हथकड़ी पहनाकर उसे घसीटा गया. बाद में उसे डिटेन कर लिया गया. हालांकि, कुछ घंटों के भीतर उसे छोड़ दिया गया.

Advertisement

अब इस पूरे मामले पर ब्रिटेन सरकार का बयान आया है. ब्रिटेन सरकार के एक मंत्री ने चीन में बीबीसी के पत्रकार से मारपीट की इस घटना को अस्वीकार्य बताया है.

रिपोर्ट्स के मुताबक, बीबीसी ने रविवार को बताया कि शंघाई में प्रोटेस्ट रैली कवर करने गए उनके पत्रकार एड लॉरेंस से चीन की पुलिस ने मारपीट की. उनके हाथ बांधकर उसे जमीन पर घसीटा गया. लात और घूसों से हमले किए गए.उसे गिरफ्तार कर लिया गया. लेकिन कुछ घंटों बाद छोड़ दिया गया.

बीबीसी के प्रवक्ता ने बताया कि हम हमारे पत्रकार एड लॉरेंस की सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित है. शंघाई में प्रोटेस्ट कवर करने के दौरान उनके साथ बदसलूकी की गई और गिरफ्तार कर लिया गया. बाद में उन्हें छोड़ दिया गया.

Advertisement

'भीड़ से कोरोना होने का खतरा था'

बीबीसी ने बताया कि चीन प्रशासन से हमें अभी तक माफी या इस पर किसी तरह का आधिकारिक स्पष्टीकरण नहीं मिला है. उन्हें रिहा करते हुए अधिकारियों ने कहा था कि पत्रकार को उनके भले के लिए ही हिरासत में लिया गया था क्योंकि उन्हें भीड़ से कोरोना होने का खतरा था.

बता दें कि चीन में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. लोग 'शी जिनपिंग गद्दी छोड़ो', 'कम्युनिस्ट पार्टी को बर्खास्त करो' के नारे लगा रहे हैं. 

लोगों का भड़का गुस्सा

दरअसल शुक्रवार को शिनजियांग के उरुमकी के एक अपार्टमेंट में भीषण आग लग गई थी, जिसमें दस लोगों की मौत हो गई थी. जिस इमारत में आग लगी थी. उसे कोरोना के मद्देनजर सील कर दिया गया था, जिस वजह से लोगों को बचने में दिक्कतें आईं. लॉकडाउन की वजह से बचाव कार्यों में भी दिक्कतें आईं. यही वजह थी कि सरकार के खिलाफ धीरे-धीरे पैदा हो रहा रोष ज्वालामुखी की तरह फूट पड़ा. 

चीन में बेहद कड़ी जीरो कोविड पॉलिसी के बावजूद कोरोना के लगातार बढ़ रहे रिकॉर्ड मामलों ने सरकार की सांसें थमा दी हैं. ऐसे में लोग सरकार की इस  पॉलिसी के खिलाफ खड़े हो गए हैं. कई बड़े शहरों में सरकार के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं. शंघाई में रविवार रात को हजारों प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प हो गई. 

Advertisement

शिनझियांग के उरूमकी से शुरू हुआ यह प्रदर्शन, शंघाई, बीजिंग के अलावा गुआंग्झू और चेंग्दू जैसे शहरों में हो रहे हैं. यह प्रदर्शन बड़ी तेजी से अन्य राज्यों और शहरों में भी फैल रहा है. 

Corona in China: 93 फीसदी लोग वैक्सिनेटेड फिर भी 23 दिन में बढ़ गए 11 गुना केस

Advertisement
Advertisement