scorecardresearch
 

आतंकी मसूद अजहर के भाई के बचाव में आया चीन, UN में भारत-US के प्रस्ताव पर लगाया अड़ंगा

अब्दुल रऊफ अजहर का जन्म 1974 में पाकिस्तान में हुआ था. अमेरिका ने दिसंबर 2010 में उस पर प्रतिबंध लगाए थे. चीन ने यह कहते हुए UNSC में भारत और अमेरिका के प्रस्ताव पर रोक लगाई है कि उसे अभी प्रस्ताव को पढ़ने के लिए और समय चाहिए. अमेरिका का आरोप है कि अजहर पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है. 2008 में अजहर ने भारत में आत्मघाती हमलों की साजिश रची थी.

Advertisement
X
जैश सरगना मसूद अजहर और उसका भाई अब्दुल रऊफ अजहर (फाइल फोटो)
जैश सरगना मसूद अजहर और उसका भाई अब्दुल रऊफ अजहर (फाइल फोटो)

ताइवान से विवाद के बीच चीन का एक बार फिर पाकिस्तान प्रेम जाग गया है. अब उसने संयुक्त राष्ट्र (UN) में जैश ए मोहम्मद के आतंकी पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाले भारत और अमेरिका के प्रस्ताव पर अडंगा लगा दिया. दरअसल, अमेरिका और भारत यूएन की सिक्योरिटी काउंसिल (UNSC) में जैश सरगना मसूद अजहर के भाई अब्दुल रऊफ अजहर के खिलाफ प्रस्ताव लाए थे. इस प्रस्ताव में अब्दुल रऊफ अजहर पर वैश्विक प्रतिबंध लगाने और उसकी संपत्ति को फ्रीज करने की मांग की गई थी. लेकिन चीन ने इस प्रस्ताव पर रोक लगा दी. 

Advertisement

अब्दुल रऊफ अजहर का जन्म 1974 में पाकिस्तान में हुआ था. अमेरिका ने दिसंबर 2010 में उस पर प्रतिबंध लगाए थे. चीन ने यह कहते हुए UNSC में भारत और अमेरिका के प्रस्ताव पर रोक लगाई है कि उसे अभी प्रस्ताव को पढ़ने के लिए और समय चाहिए. 

दो महीने में दूसरी बार आतंकियों के समर्थन में आया चीन

दो महीने में यह दूसरा मौका है, जब चीन ने यूएनएससी में भारत और अमेरिका के प्रस्ताव पर रोक लगाई है. इससे पहले जून में चीन ने लश्कर ए तैयबा के डिप्टी चीफ अब्दुर रहमान मक्की के खिलाफ प्रस्ताव पर रोक लगाई थी. मक्की को अमेरिका ने प्रतिबंधित आतंकी घोषित किया है. वह लश्कर चीफ और 26/11 हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद का साला है. 

अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने दिसंबर 2010 में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के आतंकी अब्दुल रऊफ अजहर को प्रतिबंधित किया था. अमेरिका का आरोप है कि अजहर पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है. 2008 में अजहर ने भारत में आत्मघाती हमलों की साजिश रची थी. 
 
भारत ने यूएन में लगाई थी फटकार 

Advertisement

भारत ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद का मुद्दा उठाया था. साथ ही आतंकियों की मदद करने वाले देशों की जमकर फटकार लगाई थी. आतंकवादी गतिविधियां अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा विषय पर यूएनएससी में भारत ने कहा था कि अल्पसंख्यक समुदाय के धार्मिक स्थलों पर कई हमले हुए. जिसमें काबुल में 18 जून को सिख गुरुद्वारे पर हुआ हमला भी शामिल है. इसके बाद 27 जुलाई को उसी गुरुद्वारे के पास एक और बम विस्फोट की घटना हुई, जो कि बेहद खतरनाक है. भारत ने कहा कि आतंकवादियों से निपटने में कोई दोहरा मापदंड नहीं होना चाहिए.

भारत ने चीन की नाम लिए बगैर कहा था कि यह खेदजनक है कि दुनिया के कुछ सबसे कुख्यात आतंकवादियों से संबंधित वास्तविक और साक्ष्य-आधारित लिस्टिंग प्रस्तावों को रोक दिया जा रहा है. दोहरे मानकों की वजह से प्रतिबंध शासन की विश्वसनीयता में लगातार गिरावट आ रही है. 

Advertisement
Advertisement