वन बेल्ट, वन रोड (OBOR) परियोजना में पारदर्शिता और भारत की संप्रभुता की चिंताओं को चीन ने खारिज कर दिया है. इस मसले पर चीन ने कहा, 'अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया उसके पक्ष में है.'
वहीं चीनी विदेश मंत्रालय ने इंडिया टुडे को दिए बयान में चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर पर भी अपना मत स्पष्ट किया. CPEC के पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर जाने पर भारत ने ऐतराज जताया था, इस पर चीन ने कहा, 'इसका संबंध क्षेत्रीय संप्रभुता के विवाद से नहीं है और इसका प्रभाव कश्मीर मुद्दे पर चीन की स्थिति पर नहीं पड़ेगा.'
भारत ने शनिवार यानी 13 मई को चीन के बेल्ट एंड रोड फोरम से एक दिन पहले CPEC पर अपनी चिंता समेत OBOR के जरिए क्षेत्रीय संप्रभुता और कर्ज बोझ पर बयान दिया था. वन बेल्ट, वन रोड पर भारत ने कहा था, 'कनेक्टिविटी की पहल अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों, बेहतर प्रशासन, कानून, पारदर्शिता और समानता पर आधारित होनी चाहिए. ऐसे प्रोजेक्टों का विकास नहीं होना चाहिए, जिनसे वैश्विक स्तर पर अनिश्चित कर्ज की समस्या में इजाफा हो.'
भारत के इस बयान पर चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा, 'बेल्ट एंड रोड परियोजना का वर्ष 2013 में प्रस्ताव रखा गया था. तबसे अब तक 100 देशों और कई अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने इस परियोजना का समर्थन किया है. बेल्ट एंड रोड फोरम फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन के उद्घाटन पर चीनी राष्ट्रपति शी चिनपिंग ने OBOR परियोजना के विकास, नीति, अवसंरचना, व्यापार और कनेक्टिविटी पर पड़ने वाले प्रभाव की चर्चा की थी.