अमेरिका और यूरोपीय देशों के बीच जिस तरह से तनाव बढ़ रहे हैं, चीन ने यूरोप में अपने लिए मौका तलाशना शुरू कर दिया है. चीन ने ईयू के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं. चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (NPC) के प्रवक्ता लू किनजियन ने मंगलवार को कहा कि चीन 27 सदस्यीय यूरोपीय यूनियन के साथ (अमेरिका की) एकतरफा नीतियों के खिलाफ काम करने के लिए तैयार है.
चीनी प्रवक्ता ने कहा, "पिछले 50 वर्षों में सच्चाई यह साबित करते रहे हैं कि चीन और यूरोप के बीच कोई मौलिक हितों का टकराव या जियोपालिटिकल टकराव नहीं रहे है; बल्कि, वे एक-दूसरे की सफलता में योगदान करने वाले साझेदार रहे हैं."
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चीन के लिए बड़ा बाजार हैं यूरोपीय देश
चीन खासतौर से अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) बेस्ड इलेक्ट्रिक वाहनों और बैटरियों के लिए ईयू को एक आकर्षक बाजार मानता है. हालांकि, ईयू ने चीनी इलेक्ट्रिक वाहनों पर भारी टैक्स लगाया हुआ है, ताकि स्थानीय मॉडल को भी बचाया जा सके. इनके अलावा, यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की और ट्रंप के बीच हालिया विवादित बैठक के बाद पैदा हुए रणनीतिक परिवर्तन का फायदा उठाने की भी चीन कोशिश में है.
यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की की ट्रंप के साथ हुई विवादित बैठक के बाद, ईयू नेताओं ने उनका खुला समर्थन किया है. इसी बीच, चीनी मीडिया ने भी बैठक के वीडियो को बड़े पैमाने शेयर किया और यूक्रेन के प्रति अपनी संवेदना जाहिर की.
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ट्रंप और पुतिन की करीबी भी चीन के ठीक नहीं!
चीनी प्रवक्ता का कहना है, "चीन-यूरोप संबंध किसी तीसरे पक्ष पर निर्भर या उसका निशाना नहीं है," जो अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिका-ईयू संबंधों की ओर संकेत करता है. हालांकि ट्रंप और पुतिन के नजदीकी होते संबंध बीजिंग के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं, लेकिन चीन रूस के साथ अपने संबंधों को बेहतर बनाए रखना चाहता है.