बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस इस समय चीन में हैं. वह चीन के चार दिन के दौरे के दौरान आज राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे. चीन एक तरफ बांग्लादेश के साथ अपने रिश्तों को नई धार देने में जुटा है तो वहीं पाकिस्तान के साथ सैन्य संबंधों को मजबूती दे रहा है.
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट से पता चला है कि चीन ने 2020 से 2024 के बीच पाकिस्तान को 81 फीसदी हथियारों की सप्लाई की है, जो पिछले पांच साल की तुलना में 74 फीसदी ज्यादा है.
दो हफ्ते पहले पाकिस्तान को चीन से दूसरा हैंगोर क्लास की सबमरीन मिली है. हैंगोर क्लास पनडुब्बी अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस है. यह केवल एक नियमित हथियार सौदा नहीं है, बल्कि यह अरब सागर और हिंद महासागर में अपने व्यापक विस्तार के हिस्से के रूप में पाकिस्तान की नौसैनिक क्षमताओं को मजबूत करने के चीन के इरादे को दर्शाता है. इससे पता चलता है कि पाकिस्तान की सैन्य ताकत बढ़ाने के लिए चीन लगातार उसकी मदद कर रहा है. वह भारत के दोनों पड़ोसियों बांग्लादेश और पाकिस्तान दोनों को रिझाने में जुटा है.
SIPRI की यह रिपोर्ट कैसे चीन के बढ़ते हथियार निर्यात दक्षिण एशिया में सैन्य संतुलन को बदल रहे हैं. पाकिस्तान अपनी रक्षा जरूरतों के लिए चीन पर अधिक निर्भर होता जा रहा है, जबकि भारत पश्चिमी सप्लायर्स की ओर मुड़ रहा है.
बता दें कि चीन और पाकिस्तान के लगातार बढ़ते सैन्य संबंधों को लेकर हाल ही में भारतीय सेना चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने आगाह किया था. उन्होंने इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान और चीन के सैन्य संबंधों को लेकर चेतावनी देते हुए इसे गठबंधन करार दिया. उन्होंने कहा कि भारत इसे नजरअंदाज नहीं कर सकता.