प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करने के लिए उच्च स्तरीय मैकनिज्म बनाने पर सहमत हुए हैं. शुक्रवार को चीन ने कहा कि जोहानिसबर्ग में मोदी और जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई, जिसके बाद दोनों नेता उच्च स्तरीय मैकनिज्म बनाने पर सहमत हुए.
इसके जरिए दोनों देशों के बीच पैदा होने वाले विवादों को उच्च स्तर पर प्राथमिकता से निपटाया जाएगा. पिछले तीन महीने में दोनों नेताओं के बीच यह तीसरी मुलाकात है. दोनों देशों के बीच मतभेदों को दूर करने के लिए पहली बार 28 अप्रैल को चीन के वुहान में मोदी और जिनपिंग के बीच अनौपचारिक बैठक हुई थी. इस दौरान दोनों नेता सीमा विवाद समेत सभी मुद्दों को सुलझाने पर सहमत हुए थे.
इसके बाद जून में चीन के किंगदाओ में दोनों नेताओं ने मुलाकात की. अब जोहानिसबर्ग में यह दोनों नेताओं की तीसरी मुलाकात है. इसमें दोनों नेताओं ने भारत और चीन के बीच पिछले तीन महीने में सुधरे रिश्तों का भी मूल्यांकन किया.
शी जिनपिंग के हवाले से चीन ने कहा, 'हमने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए एक टॉप लेवल मैकनिज्म बनाया है. इससे दोनों देशों के बीच सभी सेक्टर में बेहतर तालमेल बैठाने और रिश्तों को मजबूत बनाने का महौल बनेगा. साथ ही दोनों देशों की 2.6 अरब जनता की आकांक्षाओं को एक मंच पर रखा जा सकेगा. इसके अलावा एक बल गठित किया जाएगा, जो भविष्य में द्विपक्षीय संबंधों को तेजी प्रदान करेगा.'
चीन-अमेरिका के बीच छिड़े ट्रेड वॉर के बीच बुधवार को शी जिनपिंग ने कहा कि चैंपियन ग्लोबलाइजेशन के लिए दोनों पक्षों को मिलकर काम करना चाहिए. आज भारत और चीन बड़े बाजार के रूप में उभर रहे हैं. साथ ही अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में अहम योगदान दे रहे हैं. अब दोनों देशों को द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करना चाहिए.
भारत और चीन को बहुपक्षीय सहयोग को बनाए रखते हुए क्षेत्रीय सहयोग का नया मॉडल पेश करना चाहिए. शी जिनपिंग ने कहा कि वुहान में अनौपचारिक समिट के बाद से चीन भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है, ताकि द्विपक्षीय रिश्तों को नए सिरे आगे बढ़ाया जा सके.
वहीं, भारत के विदेश सचिव विजय गोयल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वुहान में दोनों नेताओं ने सीमा पर शांति स्थापित करने के लिए अपनी-अपनी सेनाओं को निर्देश देने का फैसला लिया था. अब जोहानिसबर्ग में दोनों नेताओं ने इस पर दोबारा से जोर दिया है. साथ ही संवाद स्थापित करने के लिए सेनाओं को जरूरी निर्देश देने की बात कही है.
मालूम हो कि दक्षिण अफ्रीका 10वें ब्रिक्स सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. ब्रिक्स सम्मेलन में वैश्विक मुद्दों, अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा, वैश्विक शासन और व्यापार संबंधी मुद्दों समेत कई मामलों पर चर्चा हुई. इस दौरान पीएम ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत ब्रिक्स के कई अन्य नेताओं से मुलाकात की. ब्रिक्स समूह में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं.