प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी की पाकिस्तान में रिहाई का मुद्दा चीन के सामने भी उठाया, लेकिन इसका कोई असर होता नहीं दिख रहा है. मामले पर पाकिस्तान का पक्ष लेने वाले चीन ने भारत को ही आंखें दिखाने का प्रयास किया है.
चीन ने पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की भारत की मांग को संयुक्त राष्ट्र में रोकने के अपने कदम का बचाव किया और कहा कि उसका रुख ‘तथ्यों’ पर आधारित और ‘वास्तविकता और निष्पक्षता’ की भावना में था.
'भारत और चीन दोनों आतंकवाद के पीड़ित'
चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने पत्रकारों से कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के तौर पर चीन हमेशा 1267 समिति के मामलों से हमेशा तथ्यों के आधार पर और वास्तविकता एवं निष्पक्ष की भावना के साथ निपटता है.’ वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से इस मुद्दे को उफा में ब्रिक्स और एससीओ शिखर बैठकों से इतर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सामने उठाए जाने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रही थीं.
मोदी-शी वार्ता को ‘रचनात्मक और समग्र’ करार देते हुए हुआ ने कहा कि चीन ने लखवी मुद्दे पर भारत और दूसरी पार्टियों के साथ अच्छा संवाद कायम रखा है.
आतंकवाद को लेकर भारत की चिंता के बारे में उन्होंने कहा, ‘मैं आपको बता सकती हूं कि भारत और चीन आतंकवाद के पीड़ित हैं. चीन सभी तरह के आतंकवाद का विरोध करता है और आतंकवाद विरोध पर अतंरराष्ट्रीय सहयोग के समन्वय में संयुक्त राष्ट्र के अग्रणी भूमिका निभाने का समर्थन करता है. चीन ने वैश्विक सहयोग में सक्रियता से भाग लिया है.’
बेअसर रही PM मोदी की आपत्तिबीते 2 जुलाई को चीन के कदम को लेकर चीन के विदेश मंत्रालय के एशियाई मामले के विभाग के उप महानिदेशक हुआंग जिलियान ने कहा था कि इस मुद्दे को लेकर आतंकवाद पर बनी भारत-चीन साझा व्यवस्था में चर्चा की जानी चाहिए.
पिछली रात मोदी-शी की बातचीत के बाद विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा, ‘विदेश मंत्रालय चीन के दूतावास के साथ चर्चा कर सकता है. कई व्यवस्थाएं हैं.’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने शी को अपनी चिंताओं से अवगत कराया कि चीन के इस कदम को भारत के लोगों ने किस तरह से लिया है.